ढाका: बांग्लादेश में रविवार को राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल के दौरान मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) और सत्तारूढ़ अवामी लीग के समर्थकों के बीच झड़प में तीन लोगों की मौत हो गई। इस हिंसा के बाद जनवरी में होने वाले आम चुनाव से पहले बांग्लादेश में तनाव बढ़ गया है। पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के नेतृत्व वाली बीएनपी ने पुलिस कार्रवाई के विरोध में रविवार को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया, जिसके कारण पार्टी को एक दिन पहले अपनी भव्य रैली अचानक समाप्त करनी पड़ी। पुलिस के अनुसार, ढाका के मोहम्मदपुर इलाके में एक निर्माणाधीन इमारत से गिरकर बीएनपी के एक कार्यकर्ता की तब मौत हो गई जब वह एक बस में आग लगाने के बाद भागने की कोशिश की थी।
हालांकि BNP नेताओं ने दावा किया कि मृतक रैली के बाद घर लौट रहा था, तभी प्रतिद्वंद्वी अवामी लीग के कार्यकर्ता उसे इमारत में ले गए, जहां से उसे जमीन पर फेंक दिया गया, जबकि पुलिस मूकदर्शक बनी रही। पुलिस ने कहा कि उत्तर-पश्चिमी लालमोनिरहाट जिले में प्रतिद्वंद्वी दलों के प्रदर्शन के दौरान झड़प में अवामी लीग का एक कार्यकर्ता मारा गया। अग्निशमन सेवा और पुलिस ने बताया कि शहर के बाहरी डेमरा इलाके में अज्ञात उपद्रवियों ने एक बस में आग लगा दी, जिससे एक बस चालक के सहायक की मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया। ढाका के ककरैल इलाके में शनिवार को पुलिस और विपक्षी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प के दौरान घायल हुए वरिष्ठ पत्रकार रफीक भुइयां की रविवार को मौत हो गई।
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, दिन भर में राजधानी और देश के अन्य हिस्सों में कई यात्री बसों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया या उनमें आग लगा दी गई। यह घटनाक्रम ऐसे समय सामने आया है जब एक दिन पहले घातक झड़पों में एक पुलिसकर्मी समेत दो लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे। राजारबाग केंद्रीय पुलिस अस्पताल के सामने प्रवेश करने वाली कई एम्बुलेंस, मोटरसाइकिल सहित अन्य वाहन और एक पुलिस बूथ को जला दिया गया था। इससे पहले दिन में, पुलिस ने बीएनपी महासचिव या वास्तविक पार्टी प्रमुख मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर को गुलशन इलाके में स्थित उनके घर से गिरफ्तार कर लिया, जिससे तनाव बढ़ गया। बीएनपी ने गैर-पार्टी अंतरिम सरकार के तहत स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने और प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर शनिवार को यहां एक विशाल रैली आयोजित की थी।
विपक्ष की रैली के जवाब में प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी ने भी शांति रैली निकाली। ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की खुफिया शाखा के एक प्रवक्ता ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने उन्हें (आलमगीर को) कानूनी कार्रवाई के लिए अपनी हिरासत में ले लिया है।” आलमगीर की पत्नी राहत आरा ने कहा कि पुलिस उनके घर पहुंची और उनके घर व इमारत की सीसीटीवी कैमरे की फुटेज वाली हार्ड डिस्क लेकर चली गई। आरा ने कहा कि बाद में पुलिस फिर लौटी और 75-वर्षीय आलमगीर को हिरासत में ले लिया। उन्होंने कहा, ‘‘वह (आलमगीर) बहुत बीमार हैं।” वहीं, बीएनपी ने रविवार को होने वाली अपनी विशाल रैली को रद्द कर पुलिसिया कार्रवाई के जवाब में देशभर में विरोध-प्रदर्शन किया। इस बीच, गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल ने कहा कि विपक्ष ने उनकी रैली के दौरान हंगामा किया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘उन्होंने (विपक्षी कार्यकर्ताओं ने) कई (निगरानी) कैमरे नष्ट कर दिए, फिर भी कई सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध हैं और हमलों में शामिल लोगों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई का इंतजार है।”