लखनऊ: इन दिनों कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के राजनीतिक रिश्तों में लगी आग में सियासी रोटियां सिंकनी शुरु हो गई है। पहले कांग्रेस नेता कमल नाथ की अखिलेश वखिलेश वाली टिप्पणी पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव का बचाव किया तो शनिवार को भाजपा प्रवक्ता आलोक अवस्थी ने सपा प्रवक्ता की एक तीखी टिप्पणी का संज्ञान लेते हुए राहुल गांधी से सहानुभूति दिखायी है। भाजपा प्रवक्ता के मुताबिक, राहुल गांधी पर हमला, इंडिया गठबंधन में शब्दों की मर्यादा टूट रही है। राहुल गांधी पर अशालीन तीखे बोल सपा प्रवक्ता आईपी की तरफ से सामने आए।
इधर, अंदरखाने की खबर है कि सपा और कांग्रेस की बढ़ती रार के बीच राहुल गांधी ने मुखिया के पास न केवल शांति का प्रस्ताव भेजा हैं बल्कि वह कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय की ताजा प्रतिक्रियाओं से नाराज है। उन्होंने अपनी पार्टी के यूपी अध्यक्ष को अमर्यादित टिप्पणी पर अंकुश लगाने की हिदायत भी दी है। कांग्रेस ने अजय राय को तलब कर लिया है। अब उम्मीद की जा रही है कि राहुल और अखिलेश दोनों शीघ्र मुलाकात कर सियासी शांति बहाल करने को तैयार हैं।
बहरहाल, मध्य प्रदेश विस. चुनाव में सीटों के बंटवारे के मद्देनजर शनिवार को भी अखिलेश यादव का गुस्सा ठंडा नहीं पड़ा। हरदोई में उन्होंने मीडिया को दी एक प्रतिक्रिया में कांग्रेस को यह कहते हुए चेतावनी दी कि हमें स्पष्ट बताएं, लोकसभा चुनाव में गठबंधन करना है या नहीं। अगर वो मना कर देंगे तो हम भाजपा को हराने के लिए अपनी तैयारी करेंगे। कांग्रेस हमसे साजिश या षडयंत्र न करे। अखिलेश के मुताबिक कांग्रेस को बयानबाजी करने वाले नेताओं को रोकना चाहिए। उन्होंने डॉ. लोहिया का बयान याद दिलाते हुए कहा कि जब कांग्रेस कमजोर होगी तो उसे समाजवादियों की जरूरत पड़ेगी।
अब प्रो. राम गोपाल बोले- ये कांग्रेस के छुटभइये
इस बीच पत्रकारों के कमलनाथ वाली टिप्पणी को लेकर एक सवाल पर शनिवार को सपा सांसद प्रो. रामगोपाल यादव ने कहा कि हमें इनपर कुछ नहीं कहना है, ये छुटभइये नेता हैं। इससे पहले शिवपाल यादव ने भी कमलनाथ की टिप्पणी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि कांग्रेस को अपने छोटे नेताओं के बोलने पर रोक लगानी चाहिए।
अखिलेश के दिमाग में घूम रही है वो रात…..
अखिलेश यादव निरन्तर अपने बयानों में कह रहे हैं कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस नेता ने बैठक बुलाई थी, जिसमें हमने उन्हें सपा की पूरी रिपोर्ट दिखाई। रात 1 बजे सपा के नेताओं को उन्होंने जगाए रखा और आश्वासन दिया कि हम छह सीटों पर विचार करेंगे लेकिन जब सीटें घोषित की गई तो सपा को कोई सीट नहीं दी गई। अगर यह पहले पता होता हम उनसे कभी मिलने नहीं जाते।