उच्चतम न्यायालय ने धनशोधन मामले में दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र कुमार जैन को पहले दी गई अंतरिम जमानत की अवधि छह नवंबर को उनकी नियमित जमानत याचिका की सुनवाई तक बढ़ा दी है। न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की पीठ ने जैन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी द्वारा याचिका का उल्लेख किये जाने पर संज्ञान लिया था।
6 नवंबर तक बढ़ाई अंतरिम जमानत
पीठ ने 10 अक्टूबर को पारित अपने आदेश में कहा, ‘‘मामले को छह नवंबर, 2023 को अपराह्न तीन बजे न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करें।वहीं, पहले दी गई अंतरिम जमानत को सुनवाई की अगली तारीख तक बढ़ाया जाता है…।” इससे पहले, शीर्ष अदालत ने जैन की अंतरिम जमानत नौ अक्टूबर तक बढ़ा दी थी और उनसे कहा था कि उसके समक्ष लंबित कार्यवाही को सुनवाई में विलंब के हथकंडे की तरह इस्तेमाल नहीं किया जाए।
जांच एजेंसी ने लगाए गंभीर आरोप
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दावा किया है कि आम आदमी पार्टी (आप) नेता निचली अदालत में इस आधार पर बार-बार स्थगन की मांग कर रहे थे कि उनकी जमानत याचिका शीर्ष अदालत में लंबित है। जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि जैन ने निचली अदालत से करीब 16 तारीखें ली हैं। उच्चतम न्यायालय ने 26 मई को जैन को रीढ़ की हड्डी की सर्जरी के लिए छह सप्ताह की अंतरिम जमानत देते हुए कहा था कि एक नागरिक को अपने खर्च पर निजी अस्पताल में अपनी पसंद का इलाज कराने का अधिकार है।
पिछले साल 30 मई को गिरफ्तार हुए थे जैन
इसने 12 सितंबर को मामले में जैन की अंतरिम जमानत 25 सितंबर तक बढ़ा दी। ईडी ने कथित तौर पर उनसे जुड़ी चार कंपनियों के माध्यम से धनशोधन के आरोप में आप नेता को पिछले साल 30 मई को गिरफ्तार किया था। इसने जैन को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 2017 में उनके खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी के आधार पर गिरफ्तार किया था। सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में उन्हें छह सितंबर, 2019 को निचली अदालत द्वारा नियमित जमानत दी गई थी।