कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) से जुड़ी से एक खबर का हवाला देते हुए शुक्रवार को दावा किया कि घटती घरेलू आमदनी और बढ़ती महंगाई की मार से बेहाल करोड़ों लोग मनरेगा में काम की तलाश में दर-दर भटकने को मजबूर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कांग्रेस के बारे में जितना बुरा-भला कहना चाहें, कह लें, लेकिन उन्हें गरीबों के अधिकार नहीं छीनना चाहिए।
मनरेगा की मांग 30 प्रतिशत तक बढ़ी
खरगे ने जिस खबर का हवाला दिया उसमें कहा गया है कि ग्रामीण भारत में पिछले चार वर्षों में मनरेगा के तहत काम की मांग 30 प्रतिशत बढ़ गई् है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘ग्रामीण भारत में आर्थिक संकट इतना गहरा है कि सितंबर में मनरेगा के तहत काम की मांग 4 वर्षों में 30 प्रतिशत बढ़ गई है। प्रधानमंत्री जी इस बारे में कुछ करने के बजाय अपनी विकराल विफलताओं को भाषण तले छिपाने के लिए, चुनावी राज्यों में कांग्रेस को कोस रहे हैं।”
कांग्रेस को बुरा-भला कहिये, लेकिन गरीबों का हक मत छीनिए
खरगे ने दावा किया, ‘‘बेतहाशा घटती घरेलू आमदनी और बढ़ती महँगाई की मार से बेहाल करोड़ों लोग मनरेगा में काम की तलाश में दर-दर भटकने को मजबूर हैं। हालत यह है कि मनरेगा के बजट का केवल 4 प्रतिशत पैसा ही बचा है।” उन्होंने कहा, ‘‘देश को याद है कि बजट 2023 में मोदी सरकार ने मनरेगा के बजट में 33 प्रतिशत कटौती की थी, जिसका परिणाम ग़रीब परिवार भुगत रहे हैं, विपक्ष शासित राज्यों का फंड भी बक़ाया है। कांग्रेस को जितना चाहे बुरा-भला कहिये, लेकिन ग़रीबों का अधिकार तो मत छीनिए