(HARYANA): गोहाना के कासंडी गांव निवासी मोनू ने गांव के ही लोगों के दबाव में आकर जहरीला पदार्थ निगलकर आत्महत्या कर ली। मृतक ने मरने से पहले एक वीडियो भी अपने फोन में बनाया था जो बाद में उसके फोन में वीडियो मिली है। परिजनों ने गांव के पांच लोगों पर आत्महत्या के लिए विवश करने का आरोप लगाया। मृतक के पिता कृष्ण ने मामले की शिकायत पुलिस को दी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर बिजेंद्र, निशा, कुलदीप, सतीश, दीपक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस को दी शिकायत में कृष्ण ने बताया कि उसके तीन बेटे हैं। मोनू उसका दूसरे नंबर का बेटा था। वह राणाखेड़ी के व्यक्ति की गाड़ी पर ड्राइवर था। गांव में घर के पास रहने वाले कुछ लोगों ने उनके घर की तरफ सीसीटीवी कमरे लगवा रखे है। जब इसका विरोध किया तो वह धमकी देने लगे। इसको लेकर सरपंच से बात की गई। सरपंच ने सीसीटीवी उतरवाने की बात कही, लेकिन बाद में पड़ोस में रहने वाले लोगों ने ही उनकी पुलिस में कम्प्लेन कर दी। मोनू एक अक्टूबर को बाइक पर सवार होकर घर से गया था। तीन अक्टूबर को दोपहर करीब एक बजे मोनू ने उसे फोन किया। फोन पर मोनू ने गांव के पांच लोगों पर जान से मारने की धमकी देने की बात बताई। धमकी में उन्होंने कहा कि गांव आया तो उसे जान से मार देंगे।
कृष्ण ने बताया कि उनके डर से कारण बार-बार घर आने को कहने पर भी घर नहीं आया। कुछ देर बार मोनू ने फोन उठाना बंद कर दिया। चार अक्टूबर को सुबह के समय मोनू को फोन किया। मोनू का फोन पुलिसकर्मी ने उठाया। पुलिसकर्मी ने उसे मोनू का शव खानपुर कलां-गोहाना रोड पर मानइर की पटरी के पास पड़ा होने की सूचना दी। सूचना मिलते ही वह परिवार सहित मौके पर पहुंच गया। मोनू की बाइक माइनर की पटरी पर खड़ी हुई थी। सीट पर उसका मोबाइल फोन रखा हुआ था। बाइक के पास सल्फास की गोली की डिब्बी व सफेद रंग की पॉलिथीन पर सल्फास की गोली का चूरा रखा हुआ था। डिब्बी के अंदर केवल दो गोलियां बची हुई थी। मोनू का शव पटरी से थोड़ी दूरी पर खेत में पड़ा हुआ था।
मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी ने कहा कि हमें शव पड़े होने के बारे में डायल 112 से फोन आया था। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करवाया गया। परिजनों ने कुछ गांव के लोगों के खिलाफ शिकायत दी। उनके दवाब में आकर जान दी है।