भाजपा नेता बीरेंद्र डूमरखा ने दुष्यंत चौटाला को अपने गिरेबान में झांकने की नसीहत देते हुए कहा कि उन्होंने पहला धोखा जनता के साथ, दूसरा भारतीय जनता पार्टी के साथ और तीसरा रूपए पैसे के साथ किया है। अगर सच्चाई और ईमानदारी से राजनीति करते तो जनता उन्हें पसंद करती। दुष्यंत चौटाला कहते हैं कि वह 35 के हैं और बहुत लंबा दौर राजनीति का उनके पास है।
जबकि वीरेंद्र डूमरखा 77 के हो गए हैं। उन्होंने कहा कि उनका व्यवहार ऐसा होना चाहिए था कि उन्हें देख लोग कहते कि यह ईमानदार और विश्वास लायक नेता है। जवान है। लेकिन आज लोग कहते हैं कि यह भ्रष्ट नेता है। उन पर भ्रष्टाचार के अनेक आरोप है। डूंमरखां ने दिग्विजय द्वारा मानहानि का दावा ठोकने की बात का जवाब देते हुए कहा कि दुष्यंत उपमुख्यमंत्री हैं, मानहानि नहीं बल्कि क्रिमिनल केस दर्ज करवा दें। साथ ही उन्होंने कहा कि उस दिग्विजय की बात का क्या जवाब दूं जिसके सर्टिफिकेट और डिग्री का आज तक लोगों को पता नहीं लग पाया। जब वह खुद मैदान में जाएंगे तो पता चलेगा।
गठबंधन को लेकर 50 बार भाजपा के डिसीजन मेकिंग नेताओं से मिला हूं :डूमरखां
बीरेंद्र डूमरखां ने बताया कि वह एक बार नहीं बल्कि भाजपा के उन वरिष्ठ नेताओं जो डिसीजन मेकिंग में महत्वपूर्ण हाथ रखते हैं से भी 50 बार इस गठबंधन को लेकर बात कर चुके हैं और वह नेता भी उनकी बात से सहमति रखते हैं। डूंगरखा ने कहा कि राजस्थान चुनावों के बाद सारी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी
42 साल तक कांग्रेस के साथ मेरा राजनीतिक सफर संतोषजनक रहा :डूमरखां
डूंमरखा ने कहा कि उनका 42 साल तक का कांग्रेस के साथ राजनीतिक सफर बेहद संतोषजनक रहा, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने भी उन्हें पूरा मान सम्मान दिया है। भाजपा के इस गठबंधन (भाजपा जजपा) को लेकर निर्णायक फैसले के बाद वह अपना फैसला करेंगे यानि अगर भारतीय जनता पार्टी जजपा से दूर होने का फैसला नहीं करती तो वह कांग्रेस के करीब जा सकते हैं।उन्होंने कहा कि भजपा ने भी उन्हें पूर्ण सम्मान दिया है।
वोटरों को जेजेपी से नाराजगी नहीं बल्कि नफरत हो चुकी है: डूमरखां
बीरेंद्र डूमरखा ने जींद में अपनी रैली के मंच से दुष्यंत चौटाला को लेकर कई कटाक्ष किए थे, जिसके जवाब में दिग्विजय चौटाला ने चंडीगढ़ में प्रेस वार्ता का आयोजन किया और लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों पर मानहानि का दावा ठोकने की बात कही थी। अब पंजाब केसरी से एक्सक्लूसिव बातचीत के दौरान चौ0 बीरेंद्र डूमरखा ने ओर कड़े शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि हरियाणा के संदर्भ में अगर जजपा के साथ भाजपा का गठबंधन रहा तो उससे फायदा नहीं बल्कि काफी बड़ा नुकसान होगा। इसीलिए ही मैं काफी लंबे समय से इस गठबंधन के विरोध में हूं और आज भाजपा की स्थिति प्रदेश में काफी मजबूत है। 10 साल के शासनकाल में भाजपा ने हरियाणा के हर कोने में अपनी जड़ों को स्थापित किया है।
भाजपा पूरी तरह से सक्षम है। उन्होंने कहा कि जजपा ने हरियाणा की राजनीति में ऐसे कारनामें किए जिसकी कभी कल्पना भी नहीं की थी। लोगों का समर्थन लेने के बाद रिजल्ट आते ही भाजपा की गोद में जाकर बैठ गए, जिस कारण इनके वोटरों को जेजेपी से नाराजगी नहीं बल्कि नफरत हो गई है। यह पार्टी जनाधार खो चुकी है और जिस पार्टी का जनाधार ही नहीं उसे साथ लेकर चलना किसी भी तरह से हित में नहीं हो सकता। भाजपा को आज जजपा को दूर कर आमूलचूल परिवर्तन करके चुनावी रणनीति से मैदान में उतरना चाहिए।