पंडोह के साथ लगते सांबल गांव में बीते एक महीने से चलाया जा रहा सर्च ऑप्रेशन बंद कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार मलबे में दबे लोगों को तलाशने के लिए प्रशासन द्वारा एक महीने से सर्च ऑप्रेशन चलाया जा रहा था लेकिन कोई सफलता नहीं मिलने के बाद अब परिजनों की सहमति से जिला प्रशासन ने इसे बंद किया है।
14 अगस्त के दिन नितेश पर बरपा था कुदरत का कहर
बता दें कि सांबल गांव में बीती 14 अगस्त की सुबह नाले में आई भयंकर बाढ़ के कारण नितेश का घर पूरी तरह से मलबे में दब गया था। इस हादसे में नितेश की 18 वर्षीय पत्नी मोनिका, 17 वर्षीय बहन रविता और 6 माह की दुधमुंही सानिया मलबे में दब गई थीं। इसके अलावा 45 वर्षीय माता रचना देवी और 11 वर्षीय एक अन्य बहन गोपी मलबे की चपेट में आने से घायल हो गईं थीं जबकि नितेश और उसकी एक अन्य 15 वर्षीय बहन जाहन्वी खुद को बचाने में कामयाब हो सके थे। नितेश की मां की टांग में गंभीर चोट लगी थी और इन्फैक्शन के कारण अभी तक उनका 3 बार ऑप्रेशन हो चुका है।
मुआवजे की प्रक्रिया हुई शुरू, जल्द जारी होंगे डैथ सर्टीफिकेट
डीसी मंडी अरिंदम चौधरी ने बताया कि परिजनों की सहमति के बाद सर्च ऑप्रेशन को बंद किया गया है। अब प्रभावित परिवार को मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। आपदा प्रबंधन के तहत जो भी नियम हैं उनके तहत ही यह मुआवजा दिलाया जाएगा और डैथ सर्टीफिकेट स्वास्थ्य विभाग की तरफ से नियमों के तहत जारी किए जाएंगे।
दुख रहेगा कि परिजनों के अंतिम दर्शन भी नहीं कर सके
प्रभावित नितेश ने बताया कि पूरे एक महीने तक प्रशासन की तरफ से पूरा सहयोग मिला। जहां पर मैंने परिजनों को ढूंढने के लिए कहा, वहां पर मशीनरी लगाकर उन्हें ढूंढने की कोशिश की गई लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। अब मैंने और मेरे परिवार ने इस सर्च ऑप्रेशन को बंद करने की सहमति दे दी है। इस बात का जीवन भर दुख रहेगा कि अपनी पत्नी, बहन और बेटी के अंतिम दर्शन भी नहीं कर सके। अब हरिद्वार में इनकी आत्मा की शांति के लिए पूजा-पाठ करवाऊंगा।