चरखी दादरी : जिले में धोखे से खुलवाए गए बैंक खातों में लाखों रुपए की हेराफेरी करने का मामला सामने आया है। बैंक कर्मचारियों द्वारा घर पहुंच कर दर्जन भर श्रमिकों के बैंक खाते खोलने की प्रक्रिया की गई थी, लेकिन खाते से संबंधित दस्तावेज एक माह के बाद भी घर नहीं पहुंचे। ऐसे में खाताधारियों ने बैंक में पहुंचकर स्थिति जानी तो पूरे मामले का खुलासा हुआ
खाताधारकों ने पिछले दिनों 200 करोड़ की हेराफेरी के मामले को देखते हुए बैंक में हंगामा किया। जिसके बाद बैंक प्रशासन की सूचना पर मौके पर पुलिस पहुंच गई। इस दौरान खातों की जांच की गई तो प्रतिदिन लाखों रुपए की ट्रांजेक्शन पाई गई तो फ्राड सामने आया। बैंक के खाता धारकों ने इस संबंध में सिटी पुलिस थाना में शिकायत दी है। वहीं पुलिस ने शिकायत के आधार पर आगामी जांच शुरू कर दी है
बता दें कि दादरी के लोहारू रोड स्थित आईडीएफसी बैंक के कर्मचारी करीब एक माह पहले वाल्मीकि बस्ती में नागरिकों का खाता खोलने घर पहुंचे थे। जहां विकास, ललित, सचिन, विकास कुमार, अनूप, अमन, शिवा, प्रवेश व कांता इत्यादि श्रमिकों ने आईडीएफसी बैंक में अपने खाते खुलवाने के लिए दस्तावेज देते हुए अन्य औपचारिकताएं पूरी की थीं। खाता प्रक्रिया को एक माह होने के बाद भी श्रमिकों के पास बैंक की पासबुक व अन्य दस्तावजे नहीं पहुंचे तो बैंक पहुंचकर स्थित की जानकारी ली। बैंक में जांच के दौरान पाया कि सभी श्रमिकों के बैंक खाते में किसी दूसरे का मोबाइल नंबर व मेल आईडी मिली। अधिकांश के खातों से प्रतिदिन लाखों रुपए की ट्रांजेक्शन हुई है। ऐसे में खाताधारी श्रमिकों ने डायल 112 पर कॉल कर पुलिस को मौके पर बुलाया।
पुलिस की मौजूदगी में बैक खातों की जांच में खुलासा हुआ कि श्रमिकों के खातों से लाखों रुपए की ट्रांसजेक्शन हुई है। खाताधारियों ने बताया कि उनके नाम से खोले गए बैंक खातों में ठगी का लाखों रुपए का पैसा खपाया गया है। ऐसे में उन्होंने पुलिस को शिकायत देते हुए जांच की मांग उठाई। वहीं बस स्टैंड पुलिस चौकी इंचार्ज संदीप पिलानिया ने फोन पर बताया कि पुलिस द्वारा खाताधारियों की शिकायत के आधार पर साइबर क्राइम के माध्यम से कार्रवाई शुरू कर दी है। इस मामले में बैंक या किसी अन्य द्वारा फ्राड किया है, इस मामले की जांच की जा रही है। वहीं बैंक मैनेजर अशोक शर्मा ने कैमरे के सामने आने से मना करते हुए कहा कि खाताधारी की मर्जी अनुसार ही मोबाइल व मेल आईडी भरी जाती हैं, फिर भी इस मामले की बैंक अपने स्तर पर जांच कर रहा है।