बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने देश का नाम सिर्फ ‘भारत’ रखे जाने को लेकर छिड़े विवाद को भाजपा और विपक्ष की संविधान के साथ छेड़छाड़ करने की ‘सोची-समझी रणनीति और षड्यंत्र’ करार दिया। साथ ही उन्होंने उच्चतम न्यायालय से इसका स्वत: संज्ञान लेकर देश के नाम पर बने सभी संगठनों, पार्टियों और गठबंधनों पर तुरंत रोक लगाए जाने की भी मांग की।
‘सब कुछ सत्ता पक्ष और विपक्ष की अंदरूनी मिलीभगत से हो रहा है’
मायावती ने कहा कि, ‘‘भारत अर्थात इंडिया का चिर परिचित और गरिमामय संवैधानिक नाम है। बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के पवित्र मानवतावादी और जनकल्याणकारी संविधान से अपने देश की सभी जातियों एव धर्मों को मानने वाले लोगों का अपार प्रेम, बेहद लगाव और सम्मान है। इसे बदलकर या इसके साथ छेड़छाड़ करके उनकी भावना के साथ कोई भी खिलवाड़ करना घोर अनुचित है।” उन्होंने कहा, ‘‘इस बारे में सच्चाई तो यह है कि देश के नाम को लेकर अपने संविधान के साथ छेड़छाड़ करने का मौका खुद विपक्ष ने भाजपा को दिया है। वह भी एक सोची-समझी रणनीति और षड्यंत्र के तहत अपने गठबंधन का नाम ‘इंडिया’ रखकर। या फिर यह कहा जाए कि यह सब कुछ सत्ता पक्ष और विपक्ष की अंदरूनी मिलीभगत से हो रहा है।”
पिछले दिनों एकजुट हुए विपक्षी दलों ने अपने गठबंधन का नाम रखा था ‘इंडिया’
आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को मात देने के लिए पिछले दिनों एकजुट हुए विपक्षी दलों ने अपने गठबंधन का नाम ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इनक्लूसिव अलांयस’ यानी ‘इंडिया’ रखा था। मायावती ने उच्चतम न्यायालय से अपील की कि वह ‘भारत’ और ‘इंडिया’ को लेकर की जा रही ‘संकीर्ण राजनीति’ का स्वत: संज्ञान ले। देश के नाम पर बने सभी संगठनों, पार्टियों और गठबंधनों पर तुरंत रोक लगाये। मायावती ने हाल ही में स्पष्ट किया है कि उनकी पार्टी आगामी लोकसभा अपने बलबूते लड़ेगी और वह ना तो राजग और ना ही ‘इंडिया’ का हिस्सा होगी।