Bareily : पिता-पुत्र के रिश्ते को कलंकित कर देने वाला मामला सामने आया है। 40 लाख रुपये के प्लाट के लिए पिता ने बेटे की तीन लाख रुपये सुपारी देकर हत्या करा दी। हत्यारों ने ईंट से सिर कुचल दिया और हादसा दिखाने के लिए शव को सड़क पर फेंक दिया। पुलिस ने भी शुरू में हादसा माना लेकिन अब पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए पिता को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस इस मामले में एक आरोपी को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस हत्या में शामिल दो अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है।
जानिए क्या है पूरा मामला?
देवरनियां इंस्पेक्टर देवेन्द्र सिंह ‘धामा ने बताया कि नवाबगंज के बिजौरिया गांव निवासी खरगसेन के दो बेटे अशरफी लाल और श्यामाचरण हैं। खरगसेन ने दोनों को 40-40 लाख रुपये के प्लॉट लेकर दे दिए। श्यामाचरण ने प्लॉट मकान बना लिया। अशरफी लाल अपना प्लाट बेचना चाहता था। वहीं अशरफी के बेटे हरपाल की नजर भी प्लॉट पर थी। वह भी प्लॉट को बेचने की बात करता था। कई बार हरपाल ने अपने पिता को प्लाट के कारण जान से मारने की धमकी दी थी। बाप-बेटे एक दूसरे पर हत्या कराने का शक करने लगे। इससे पहले हरपाल कुछ करता अशरफी लाल ने उसका खेल खत्म करने की योजना बना ली। अशरफी लाल ने बेटे की हत्या का सौदा तीन लाख रुपये में भाड़े के हत्यारे भानु से तय कर दिया था। 30 हजार रुपये भी बतौर बयाना दे दिया। भानु ने अपने साथ गजेंद्र को भी शामिल कर लिया। इसके बाद हरपाल की हत्या करके शव देवरनियां थाना क्षेत्र के भोपतपुर के पास रोड पर फेंक दिया था।
कॉल से खुला घटनाक्रम
गीता देवी ने बताया कि हरपाल को भानु साथ ले गया था। 14 जुलाई की शाम फोन पर हरपाल ने बताया था कि वह भानु और गजेंद्र के साथ है। दूसरे दिन शव मिलने पर हत्या के शक पर गीता ने रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने भानु की लोकेशन निकलवाई तो घटना स्थल के पास की निकली। इसके बाद भानु फरार हो गया, तभी पुलिस शक गहरा गया।
बाइक को ट्रैक्टर से कुचल दिया ताकि हादसा लगे
आरोपियों ने 14 जुलाई को हरपाल की हत्या करके शव को भोपतपुर रोड पर फेंक दिया। हत्या को हादसा दर्शाने के लिए हरपाल की बाइक को ट्रैक्टर से कुचल दिया और फरार हो गए। 15 जुलाई को जब हरपाल का शव मिला तो पुलिस ने हादसा मानते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इसके बाद 30 जुलाई को हरपाल की पत्नी गीता देवी ने भानु, गजेन्द्र, महेन्द्र और श्यामाचरण पर हत्या का शक जताते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई। तब पुलिस मामले की विवेचना शुरू की।
गजेंद्र ने खोला अशरफी लाल का राज
पुलिस ने बताया कि आठ दिन पहले गजेन्द्र को गिरफ्तार किया था। पूछताछ मैं गजेंद्र ने बताया कि अशरफी लाल ने तीन लाख रुपये में अपने बेटे हरपाल की हत्या का सौदा तय किया था। अशरफी लाल ने उसको 30 हजार रुपये दे दिए थे। 2.70 लाख रुपये हत्या के बाद देने की बात तय हुई थी। इसके बाद पुलिस ने अशरफी लाल को उठा लिया। पूछताछ में वह टूट गया और उसने अपना गुनाह कबूल करते हुए पुलिस को बताया कि यदि वह हत्या नहीं करवाता तो हरपाल उसकी हत्या कर देता । अशरफी लाल ने भानु गजेन्द्र और महेन्द्र से प्लॉट बेचने के बाद अन्य रुपये देने की बात कही। अशरफी लाल ने बताया कि गजेन्द्र, भानु, महेन्द्र और श्यामाचरण ने हरपाल को शराब पिलाई। बाद में ईंट से कुचलकर उसकी हत्या कर दी। पुलिस अब भानु व श्यामाचरण को तलाश कर रही है।