युजवेंद्र चहल ने पारी के 16वें ओवर में मैच की कहानी को पूरी तरह से पलटकर रख दिया था। जेसन होल्डर के साथ-साथ बड़े शॉट्स लगा रहे शिमरॉन हेटमायर भी पवेलियन लौट चुके थे। भारतीय खेमे और फैन्स को जीत की खुशबू आने लगी थी। कैरेबियाई खेमे में डर का माहौल पैदा हो गया था। चहल के ओवर ने सबकुछ पलटकर रख दिया था। हालांकि, चहल के जादू पर हार्दिक पांड्या की खराब कप्तानी ने पानी फेर दिया और भारतीय टीम के हाथ से जीती हुई बाजी फिसल गई।
हार्दिक की खराब कप्तानी
दरअसल, युजवेंद्र चहल ने अपने स्पेल के तीसरे ओवर में दो विकेट निकालते हुए मैच में जान फूंक दी थी। भारतीय स्पिनर का अभी एक और ओवर शेष था और क्रीज पर मोर्चा वेस्टइंडीज के पुछल्ले बल्लेबाजों ने संभाल रखा था। हर किसी को उम्मीद थी कि कप्तान हार्दिक सूझबूझ भरा फैसला लेंगे और चहल का बचा हुआ एक ओवर जरूर करवाएंगे। हालांकि, हार्दिक ने ऐसा नहीं किया और उन्होंने चहल से ज्यादा भरोसा अपने तेज गेंदबाजों पर दिखाया, जिसका खामियाजा टीम इंडिया को हार के रूप में भुगतना पड़ा।
रोहित शर्मा की कप्तानी में वनडे और टी-20 दोनों ही फॉर्मेट में अपने कोटे के पूरे ओवर फेंकने वाले अक्षर पटेल से कप्तान हार्दिक ने दूसरे टी-20 मैच में गेंदबाजी ही नहीं करवाई। हार्दिक ने रवि बिश्नोई की एक छोर से हो रही पिटाई के बावजूद अक्षर पटेल को मोर्च पर लगाना जरूरी नहीं समझा। गुयाना की पिच से स्पिनर्स को मदद मिल रही थी, जिसका फायदा युजवेंद्र चहल ने उठाया। ऐसे में अगर अक्षर को गेंदबाजी सौंपी जाती, तो शायद मैच का नतीजा भारत के पक्ष में आ सकता था।
टी-20 क्रिकेट के इतिहास में यह पहला मौका है, जब भारतीय टीम को वेस्टइंडीज के हाथों लगातार दो मैचों में हार का मुंह देखना पड़ा है। पहले टी-20 मैच में कैरेबियाई टीम ने रोमांचक मुकाबले में गेंदबाजी के उम्दा प्रदर्शन के बूते 4 रन से जीत दर्ज की थी।