इंदौर की द्वारकापुरी पुलिस ने विकलांग चायवाले की रिपोर्ट नहीं लिखी और उसे जलील कर थाने से भगा दिया। उसी वक्त चायवाले ने अपने पिता को फोन कर कहा कि एफआईआर नहीं लिख रहे हैं। मैं जान दे दूंगा और घर आकर वाट्सएप पर मैसेज लिख कर आत्महत्या कर ली। विकलांग की आत्महत्या के बाद हड़कंप मच गया। परिजनों ने उसका शव रख कर द्वारकापुरी थाने का घेराव कर दिया। पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर ने काम में लापरवाही के चलते एक सब इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया है।
दरसअल आकाश नगर निवासी मोहन अमन पाल 25 वर्ष कल रात में द्वारकापुरी थाने एफआईआर दर्ज कराने गया था। शादी के नाम पर बिहार की गैंग के प्रवेश शर्मा ने शादी कराने के नाम पर उससे तीन किश्तों में 95 हजार रुपए ले लिए। कुछ लड़कियों के फोटो भी भेजे थे, इस कारण मोहन ने उस पर भरोसा कर लिया। बाद में मेरा फोन उठाना बंद कर दिया। जिसके बाद प्रवेश के साथी श्यामसुंदर उर्फ दिनेश शर्मा के मोबाइल (9110958851) पर 65 हजार रुपए ऑन लाइन और 20 हजार रुपए नकद भी दिलवा दिए थे जिसकी रिपोर्ट लिखाने विकलांग मोहन द्वारकापुरी थाने गया था।
मगर उसकी फरयाद पुलिस ने ना ही सुनी और नहीं एफ आई आर की उल्टा विकलांग को थाने से जलील कर भगा दिया गया जिसके बाद विकलांग मोहन घर चला गया और देर रात उठा और मोबाइल पर मैसेज कर लिख दिया कि मैं आत्महत्या कर रहा हूं और फांसी लगा कर आत्म हत्या कर ली। वही सुबह घरवालों ने उसे फंदे पर झूलते देखा, तो शव उतारा रिश्तेदारों और मोहल्ले वालों को खबर लगी तो पुरे मोहल्ले वाले एकत्रित हो कर थाने का घेराव कर दिया। वही इंदौर पुलिस कमिश्नर ने पूरे मामले को संज्ञान में लेते हुए एक सब इंस्पेक्टर आमोद उइके को सस्पेंड कर जांच के आदेश दे दिए है।