मणिपुर मुद्दे पर चर्चा को लेकर अपने नोटिस के स्वीकार नहीं किए जाने के विरोध में बुधवार को विपक्षी सदस्यों ने राज्यसभा से बहिर्गमन किया। इसी बीच अब विपक्षी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने मणिपुर मामले पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की है। वहीं, राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इसे लेकर जानकारी दी. जिसमें उन्होंने कहा कि मणिपुर को लेकर राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा गया है, राष्ट्रपति ने आश्वासन दिया है कि वो इसे लेकर विचार करेंगीं।
मैं जब उठता हूं दो सेकेंड मे ही मेरा माइक बंद कर देते हैं
इस दौरान मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि राष्ट्रपति जी से हम मिले और जो घटना मणिपुर में घट रही है उस पर बातचीत हुई। खरगे ने फिर दोहराते हुए कहा क उन्हें संसद में बोलने से रोका जा रहा है. उन्होंने कहा कि मेरे माइक को बंद कर दिया जाता है. मुझे नहीं पता मैं जब उठता हूं दो सेकेंड मे ही मेरा माइक बंद कर देते हैं। खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मणिपुर जाना चाहिए था।
बता दें कि मानसून सत्र के शुरू होने के बाद से ही विपक्षी सदस्य मणिपुर मुद्दे पर नियम 267 के तहत चर्चा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान की मांग कर रहे हैं। उच्च सदन की सुबह बैठक शुरू होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने कहा कि उन्हें मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत 58 नोटिस मिले हैं। उन्होंने कहा कि ये सभी नोटिस मणिपुर की स्थिति से जुड़े हैं। सभापति ने कहा कि मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए उन्होंने पहले ही व्यवस्था दी थी और सरकार भी चर्चा के लिए तैयार थी।
सदन के सभी वर्ग अपनी बात रख सकें
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा को सूचीबद्ध भी किया गया लेकिन दुर्भाग्य से चर्चा नहीं हो सकी। सभापति ने कहा कि मीडिया के एक हिस्से में ऐसी धारणा है कि नियम 176 के तहत उन्होंने ढाई घंटे का समय तय किया था लेकिन सदस्य इस बात से अवगत होंगे कि उन्होंने संकेत दिया था कि चर्चा के लिए कोई समय सीमा नहीं है ताकि सदन के सभी वर्ग अपनी बात रख सकें। उन्होंने कहा कि मीडिया के एक हिस्से में जो धारणा बनाई गई है, वह वस्तुत: सही नहीं है। इसके बाद, धनखड़ ने आज मिले नोटिस का जिक्र किया और कहा कि उन्होंने सत्र के पहले दिन ही यानी 20 जुलाई को इसी मुद्दे पर नियम 176 के तहत चर्चा की मांग को स्वीकार कर लिया था।