इन दिनों आई फ्लू का संक्रमण फैला हुआ है। इसके मद्देनजर एम्स ने बृहस्पतिवार को ट्वीट कर आई फ्लू से बचाव के लिए दिशा निर्देश जारी किया है। एम्स के आरपी सेंटर के कम्युनिटी नेत्र विज्ञान विभाग द्वारा तैयार इस दिशा निर्देश में कहा गया है कि गर्मी के मौसम के अंत और मानसून के शुरुआत में यह बीमारी फैलती है।
मक्खियों से होता संक्रमण
इस मौसम में मक्खियों की अधिकता के कारण यह संक्रमण होता है। इसलिए वातावरण को साफ रखना जरूरी है। साथ ही इन दिनों स्विमिंग पूल में जाने से परहेज करना चाहिए। स्विमिंग पूल में स्नान करना भी आई फ्लू का कारण बन सकता है।
आई फ्लू के यें हैं लक्षण
एम्स द्वारा जारी दिशा निर्देश में कहा गया है कि आई फ्लू के संक्रमण से एक या दो दिनों में आंख लाल व चिपचिपी हो जाती है। इसके अलावा आंखों में सूजन हो जाती है। इस वजह से आंखों में खुजली व पीले रंग का पानी आने की समस्या होती है। बच्चों को आई फ्लू के साथ बुखार भी हो सकता है। यह बीमारी एक आदमी से दूसरे आदमी में फैलता है।
मक्खियां इस बीमारी को अधिक फैलाती हैं। अंगुलियाें और कपड़ों से भी यह बीमारी फैलती है। इस बीमारी से आंख की रोशनी को नुकसान नहीं होता है। इसका संक्रमण होने पर साफ और ठंडे पानी से बार-बार आंखें धोना चाहिए। आंखों की सफाई के लिए साफ रुमाल इस्तेमाल करना चाहिए। काले चश्मे का इस्तेमाल करें।
एम्स की ओर से दी गई सलाह
कॉन्टेक्ट लेंस का इस्तेमाल न करें। ज्यादातर लोगों को अक्सर बगैर दवा के संक्रमण कम हो जाता है। आंख में लाली तीन दिन से अधिक रहने पर डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। खुद दुकान से दवा लेकर आंख में न डालें। डाक्टर की सलाह से ही दवा इस्तेमाल करना चाहिए।
आंख को बार-बार हाथ से न छूएं। हाथ को साबुन से साफ करें। अपना तौलिया व रूमाल अलग रखना चाहिए। दूसरे व्यक्तियों को इसका इस्तेमाल न करने दें। संक्रमण से बचाव के लिए वातावरण साफ रखना चाहिए। भीड़ वाले इलाकों में जाने से बचना चाहिए। आई फ्लू होने पर स्विमिंग पूल में न जाएं।