बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने एक बार फिर मणिपुर हिंसा को लेकर बयान दिया है। उन्होंने इस मुद्दे को लेकर सरकार और विपक्ष पर सवाल खड़े किए है। साथ ही उन्होंने यह मांग की है कि संसद में इस घटना को लेकर चर्चा हो और एक-दूसरे को नीचा दिखाने की बजाय समस्या का हल निकाला जाए। वहीं, मायावती ने कहा कि हालात लगातार गंभीर व चिन्ताजक बने हुए है। शान्ति की बहाली, लोगों की सुरक्षा व उनके जख्मों पर मरहम लगाकर क्षेत्र में जनजीवन सामान्य बनाना जरूरी है। इसलिए इस मुद्दे पर संसद में चर्चा होनी चाहिए।
क्षेत्र में जनजीवन सामान्य बनाना जरूरीः मायावती
मणिपुर मुद्दे को लेकर मायावती ने ट्वीट कर लिखा कि ‘मणिपुर के हालात लगातार गंभीर व चिन्ताजक बने रहने के कारण इसका दुष्प्रभाव व पलायन पड़ोसी राज्यों पर भी पड़ना स्वाभाविक, जिसको लेकर संसद में चर्चा नहीं हो पाने से स्थिति विषम। शान्ति की बहाली, लोगों की सुरक्षा व उनके जख्मों पर मरहम लगाकर क्षेत्र में जनजीवन सामान्य बनाना जरूरी।’
मणिपुर पर चर्चा व सरकारी वक्तव्य जरूरीः मायावती
मायावती ने एक और ट्वीट कर लिखा कि ‘मणिपुर पर चर्चा पर सहमति के बावजूद संसद के चालू सत्र के पहले दो दिन का समय नियम विवाद को लेकर बर्बाद हो जाना दुखद व दुर्भाग्यपूर्ण। सरकार-विपक्ष आरोप-प्रत्यारोप व एक-दूसरे को नीचा दिखाने के बजाय समस्या का हल ढूंढने का सामूहिक प्रयास करें। मणिपुर पर चर्चा व सरकारी वक्तव्य जरूरी।’
विपक्ष कर रहा है ये मांग
बता दें कि मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने को लेकर मणिपुर पुलिस ने बताया कि ये मामला सेनापति जिले के एक गांव की है। जहां पर दो जनजातीय महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने और भीड़ द्वारा उनसे छेड़छाड़ करने संबंधी चार मई का वीडियो सामने आया था। इसके बाद इस मामले को लेकर विपक्षी दलों के गठबंधन ने बीजेपी को जमकर घेरा हुआ है। विपक्ष इस बात की मांग कर रहा है कि इस मुद्दे को लेकर संसद में चर्चा होनी चाहिए। विपक्ष का कहना है कि जब तक खुद पीएम मोदी सदन में आकर जवाब नहीं देते, तब तक सदन में कोई और काम नहीं किया जाएगा।