पिछले करीब दो महीने से हिंसा की आग में जल रहा पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर से आई एक वीडियो ने पूरे देश को शर्मसार कर दिया है…दरअसल, एक समुदाय की 2 महिलाओं को दूसरे समुदाय के लोगों ने निर्वस्त्र कर घुमाया है..जिसका वीडियो वायरल होते ही अब पूरे देश की सियासत गरमा गई है…विपक्षी दल अब इस घटनाक्रम को लेकर बीजेपी सरकार पर निशाना साध रहे हैं…वीडियो वायरल होते ही…सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा और संघ पर निशाना साधा…उन्होंने लिखा है कि.. मणिपुर में सभ्यता का चीरहरण हुआ है और संस्कृति का पाताल-पतन। इस ट्विट के बाद अखिलेश यादव ने एक और ट्विट किया…जिसमें उन्होंने लिखा कि…मणिपुर के हालात के लिए आरएसएस की नफरत की नीति और भाजपा की वोट की राजनीति ज़िम्मेदार है, बहन-बेटियों के परिवारवाले अब तो भाजपा की ओर देखने तक से पहले एक बार ज़रूर सोचेंगे।
वहीं, मणिपुर की घटना पर समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने भी सीधे बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया…उन्होंने कहा कि मणिपुर हिंसा बीजेपी सरकार की वजह से हुआ है…इसलिए वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए…साथ ही उन्होंने कहा कि पीएम मोदी भाषण तो अच्छे देते हैं लेकिन देश में क्या हो रहा है इस पर नहीं बोलते… वहीं, इस घटनाक्रम पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का ट्वीट भी सामने आया है…प्रियंका गांधी ने लिखा है कि… ‘मणिपुर से आ रही महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा की तस्वीरें दिल दहला देने वाली हैं, महिलाओं के साथ घटी इस भयावह हिंसा की घटना की जितनी निंदा की जाए कम है, समाज में हिंसा का सबसे ज्यादा दंश महिलाओं और बच्चों को झेलना पड़ता है, हम सभी को मणिपुर में शांति के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए हिंसा की एकस्वर में निंदा करनी पड़ेगी, केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री जी आखिर मणिपुर की हिंसक घटनाओं पर आंख मूंद कर क्यों बैठे हैं? क्या इस तरह की तस्वीरें और हिंसक घटनाएं उन्हें विचलित नहीं करतीं ?
बता दें कि पिछले कुछ महीनों से मणिपुर में दो जातीय समुदायों के बीच लगातार हिंसा हो रही है…मणिपुर पुलिस के साथ सेना भी हिंसा को रोकने और शांति स्थापित करने की लगातार कोशिश कर रही है…मगर, इन सबके बीच दो महिलाओं को निवस्त्र करने के मामले ने पूरे देश को शर्मशार कर दिया है…हालांकि अब प्रधानमंत्री ने इस पूरे प्रकरण पर संज्ञान लेते हुए गुनहगारों पर कार्रवाई की बात कही है…वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने भी सख्त टिप्पणी की है…ऐसे में अब देखना होगा कि केंद्र सरकार कब तक गुनहगारों पर कार्रवाई करती है और मणिपुर को हिंसा की आग से बाहर निकलती है।