गुडग़ांव: साइबर थाना ईस्ट पुलिस ने यूएसए के नागरिकों से तकनीकी सहायता के नाम पर ठगी करने वाले कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने कॉल सेंटर मालिक समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं आरोपियों के कब्जे से चार मोबाईल, चार लैपटॉप, दो मॉडम व एक डीवीआर बरामद की है।
दरअसल, साइबर थाना ईस्ट के इंस्पेक्टर जसवीर को सूचना मिली कि सेक्टर-27 स्थित मकान नंबर 291 में अवैध व फर्जी तरीके से कॉल सेंटर संचालित किया जा रहा है। जिसमें यूएसए के नागरिकों को तकनीकी सहायता देने के नाम पर ठगी की जाती है। इस पर साइबर थाना की टीम ने कॉल सेंटर पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान कॉल सेंटर फर्जी/अवैध तरीके से संचालित होना व विदेशी नागरिकों को तकनीकी सहायता देने के नाम पर धोखाधड़ी कर ठगी करना पाया गया। जिस पर कॉल सेंटर के संचालक सहित चार आरोपियों को कॉल सेंटर से गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अजय उर्फ मोहित (संचालक ), सौरव कुमार, कृष्णा पाठक व रवि त्यागी के रूप में हुई। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत आईटी एक्ट की धाराओं में भी केस दर्ज किया है। आरोपी अजय उर्फ मोहित कर्मचारियों के साथ मिलकर कॉल सेंटर चलाता है। इसने सभी को कस्टमर सर्विस के लिए सेलरी/कमीशन पर रखा हुआ है।
कॉल सेंटर संचालक ने पुलिस को बताया कि जनवरी-2023 से अपने साथी आरोपियों के साथ मिलकर कॉल सेंटर चला रहा है। आरोपी ने यूएसए के नागरिकों को एप्पल, अमेजन, कैश एप, जल्ले एप की कस्टमर केयर सर्विस प्रदान देने के लिए इसने वर्चुवल वर्चुअल टीएफएन लिए हुए हैं, जिन नम्बरों पर यह कॉल लैंड करवाता है। एक्स-लाइट-डायलर के माध्यम से आने वाली कॉल को ये सुनते है, जिस ग्राहक को एप्पल, अमेजन, कैश एप, जल्ले एप से कोई असुविधा होती है। इनके टीएफएन नंबर पर वर्चुअल कॉल करते हैं। यह कॉलर से उनकी शिकायत पूछते हैं।
कस्टमर जिस कम्पनी के बारे में कोई असुविधा/समस्या बताता है तो कॉल सेंटर कर्मचारी को उस कम्पनी का प्रतिनिधि बताकर पहले उन्हें अपने विश्वास में लेते और फिर तकनीकी सहायता देने के नाम पर एनीडेस्क व टीम विवर जैसी एप के माध्यम उसके सिस्टम का रिमोट एक्सेस प्राप्त कर लेते। इसके बाद उन्हें वास्तविक बात ना बताकर उनसे अन्य समस्याओं के बारे में बात करते हैं और उन्हें उनकी निजी जानकारी का रिस्क, हैकर द्वारा अकाउंट हैक करना, डिवाइस असुरक्षित, फाइनेंसियल इनफार्मेशन लीक व चाईल्ड पोर्नोग्राफी इत्यादि के बारे में बताते। इसके बाद उस समस्या को दूर करने के नाम पर कॉलर से छोटी अमाउंट 100-500 डॉलर की ठगी को गिफ्ट कार्ड के माध्यम से व बड़ी अमाउंट 5000-10000 डॉलर को ऑनलाइन वायर व बीटीसी के क्यूआर कोड के माध्यम से वॉलेट मे ट्रांसफर करवाकर ठगी करते थे।