नोएडा पुलिस ने करोड़ों रुपए के जीएसटी घोटाले (Gst Scam) के सिलसिले में 3 और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जिससे इस मामले में गिरफ्तार लोगों की कुल संख्या बढ़कर 18 हो गई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। इस घोटाले के कारण सरकार को राजस्व का नुकसान हुआ है।
फर्जी बिल बनाने में शामिल थे तीनों आरोपी
पुलिस के अनुसार, यह घोटाला जाली आधार कार्ड के आधार पर बनाई जा रही हजारों फर्जी कंपनियों, उनके द्वारा बनाए गए फर्जी चालान और उनकी ओर से इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा किए जाने से संबंधित है। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (नोएडा) शक्ति मोहन अवस्थी ने कहा, “यहां सेक्टर-20 थाना पुलिस जीएसटी धोखाधड़ी की जांच कर रही है। रविवार को पुलिस ने इस मामले में वांछित तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। तीनों की पहचान अमित उर्फ मोंटी (42), अजय उर्फ मिंटू (41) और महेश (20) के रूप में हुई है। ये सभी फर्जी बिल बनाने में शामिल थे।”
15 आरोपियों को पुलिस पहले कर चुकी है गिरफ्तार
पुलिस के मुताबिक, तीनों एक बड़े गिरोह का हिस्सा हैं जिसके 15 सदस्यों को पहले गिरफ्तार किया जा चुका है। ये तीनों आरोपी हरियाणा के सिरसा में रहते थे और पिछले पांच साल से गिरोह में काम कर रहे थे। पुलिस ने कहा कि उनका काम फर्जी जीएसटी बिलों से प्राप्त धन को इकट्ठा करना और स्थानांतरित करना शामिल था और उन्होंने पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और हरियाणा के कुछ हिस्सों में लेनदेन किया था। पिछले महीने नोएडा पुलिस ने एक गिरोह का भंडाफोड़ किया था जो अब उन गतिविधियों में लिप्त था जिसे अब “जीएसटी घोटाले” के रूप में जाना जाता है। इसमें लगभग 3,077 फर्जी कंपनियों का पता चला था जिनकी ओर से ‘आईटीसी’ का दावा किया जा रहा था।
फर्जी कंपनियों से लगभग 8,500 करोड़ रुपए के लेनदेन की मिली जानकारी
वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, पुलिस की शुरुआती जांच में इन फर्जी कंपनियों से लगभग 8,500 करोड़ रुपये के लेनदेन का पता चला है। पुलिस ने कहा कि उन्होंने रविवार को तीनों के पास से धोखाधड़ी से खरीदे गए सिम कार्ड, तीन आधार कार्ड, छह टैक्स चालान दस्तावेजों के साथ 7 मोबाइल फोन बरामद किए हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा आरोपियों से दो कार भी जब्त की गई हैं। पुलिस ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ प्रासंगिक धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।