भिवानी : जिले के गांव फूलपुरा निवासी सुंदर सिंह के दोनों बेटे मस्कुलर डिस्ट्राफी नामक बीमारी से पीड़ित हैं। वह अपने बेटों के इलाज के लिए पिछले 13 साल से दर-दर की ठोकरें खा रहा है। मगर कोई फायदा नहीं हुआ । इस बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर परिवार सहित इच्छा मृत्यु या सरकार द्वारा इलाज करवाने की मांग की है। सुंदर सिंह ने लिखा है कि हम हर तरफ से थक हार चुके हैं, हम अपने बच्चों को यूं तिल-तिल कर मरते नहीं देख सकते। इसलिए उन्होंने फैसला लिया है कि वह पूरे परिवार के साथ इस मतलबी दुनिया को अलविदा कहेंगे। इसलिए पूरे परिवार के साथ इच्छा मृत्यु की स्वीकृति दी जाए या फिर उनके बच्चों को बिना किसी देरी के इलाज मुहैया कराया जाए।
सुंदर का आरोप है कि सरकार उसके बेटों के लिए दवाई तक उपलब्ध नहीं करवा पाई साढ़े 9 साल, छोटे बेटे विरेंद्र की उम्र मात्र 8 साल की है । अगर उनका इलाज नहीं हुआ तो 10 साल की उम्र में ही वे व्हीलचेयर पर आ जाएंगे। डाक्टरों ने उसे बताया कि यह बीमारी जैनेटिक है जबकि है। उसके बड़े बेटे हरेंद्र की उम्र उसके व उसकी पत्नी के परिवार में 4 पीढ़ियों से किसी को यह बीमारी नहीं हुई। वह अपने बेटों के इलाज के लिए पिछले 3 साल से पी.जी.आई. चंडीगढ़ व रोहतक के अलावा एम्स व दिल्ली के गंगाराम अस्पताल के डाक्टरों को कई बार दिखा चुका है। इसके बावजूद उसके बेटों की हालत में किसी तरह का सुधार नहीं हो रहा ।