महाराष्ट्र में हुई राजनीतिक घटना के बाद बिहार में भी कई तरह की सियासी अटकलें लगाई जा रही हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि बिहार में भी महाराष्ट्र जैसे हालात पैदा हो सकते हैं। वहीं इन अटकलों के बीच राज्यसभा उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की। करीब डेढ़ घंटे चली इस बैठक के बाद सियासी हलचल और तेज हो गई है।
मैसेंजर का काम कर सकते हैं हरिवंश
दरअसल, सोमवार यानि 3 जुलाई की शाम को एक अणे मार्ग में दोनों नेताओं के बीच मुलाकात हुई। इस मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि हरिवंश मैसेंजर का काम कर सकते हैं क्योंकि उनको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार दोनों का करीबी माना जाता है। हालांकि उपसभापति ऑफिस की तरफ से बताया गया है कि यह एक औपचारिक मुलाकात थी। दूसरी तरफ यह कयास लगाए जा रहे हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर एनडीए में वापस आ सकते हैं।
पहले भी RJD छोड़ BJP में शामिल हुए थे नीतीश
बता दें कि अभी कुछ दिन पहले ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों, विधान पार्षदों और सांसदों से वन-टू-वन मुलाकात की थी। हो सकता है यह मुलाकात भी इसी कड़ी का हिस्सा हो। वहीं सोमवार को ही लैंड फॉर जॉब मामले में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। ऐसे में नीतीश और हरिवंश की मुलाकात को अलग नजरिए से देखा जा रहा है। बता दें कि 2017 में भी जब भ्रष्टाचार के मामलों में केंद्रीय एजेंसियों ने तेजस्वी यादव और लालू पर दबिश दी थी, तब नीतीश कुमार राजद का साथ छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे। उस समय भी हरिवंश ही सूत्रधार बने थे।