वाशिंगटनः व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सामरिक संचार समन्वयक जॉन किर्बी ने मंगलवार को वाशिंगटन में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच होने वाली बातचीत में यूक्रेन का मुद्दा भी शामिल होगा। मोदी और बाइडेन शांति शिखर सम्मेलन या शांति प्रस्ताव पर किस स्तर तक बात करेंगे, इस पर अभी मैं कुछ नहीं कह सकता।” किर्बी ने कहा कि यूक्रेन में शांति स्थापित करने के लिए अमेरिका तीसरे पक्ष के तौर पर किसी भी देश की भूमिका का स्वागत करता
उन्होंने कहा कि जहां तक अन्य राष्ट्रों की भूमिका की बात है, “तो हम काफी समय से कह रहे हैं कि शांति स्थापित करने में तीसरे पक्ष के तौर पर शामिल किसी भी देश की भूमिका का हम स्वागत करेंगे।” किर्बी ने कहा कि लेकिन इस भूमिका के टिकाऊ और शांति स्थापित करने की दिशा में सफल होने के लिए इसे क्षेत्रीय अखंडता के विचार, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सीमाओं के साथ-साथ यूक्रेन की संप्रभुता के लिए “यूक्रेन के परिप्रेक्ष्य की पूरी समझ और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुरूप…” शुरू करने की जरूरत है। किर्बी इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन के बीच बैठक के दौरान यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा होगी।
विविधतापूर्ण लोकतंत्र है भारत, द्विपक्षीय संबंधों पर काम जारी रखेंगे : व्हाइट हाउस
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा के बीच व्हाइट हाउस ने कहा है कि अमेरिका की तरह ही भारत भी एक विविधतापूर्ण लोकतंत्र है और दोनों देश अपने द्विपक्षीय संबंधों पर काम करना जारी रखेंगे। प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रथम महिला जिल बाइडेन के निमंत्रण पर 21 से 24 जून तक अमेरिका की राजकीय यात्रा पर हैं। बाइडेन दंपती 22 जून को मोदी के लिए राजकीय रात्रिभोज की मेजबानी करेंगे। प्रधानमंत्री 22 जून को अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करेंगे। सामरिक संवाद के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा संयोजक जॉन किर्बी ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, “लोकतंत्र की राह कठिन है। हम इस बात को जानते हैं। हमने इस देश में इसका अनुभव किया है। यह कठिन है, आपको इस पर काम करना होता है।” उन्होंने कहा, “भारत एक विविधतापूर्ण लोकतंत्र है और वे भी इस पर काम कर रहे हैं। किसी भी लोकतंत्र ने किसी भी नियत समय में संपूर्णता हासिल नहीं की।”
किर्बी ने कहा कि लोकतंत्र का विचार यह होता है कि “आप अधिक से अधिक पूर्णता प्राप्त करने का प्रयास करें… और इसलिए हम दुनिया के दो विविधतापूर्ण, मजबूत एवं प्रभावशाली लोकतंत्र के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर काम करना जारी रखेंगे, ताकि हमारे रिश्ते और बेहतर हो सकें।” उन्होंने कहा कि इसका अर्थ यह है कि ऐसा करते हुए “हम संवाद भी करेंगे और इस दौरान हमारे बीच, हमारे मित्रों तथा हमारे सहयोगियों के बीच कुछ असहज संवाद भी हो सकते हैं।” किर्बी ने कहा, “आप ऐसा ही करते हैं। जब आप सहयोगी होते हैं, मित्र होते हैं, तब आप असहज मुद्दों पर भी बात करते हैं।”