गुजरात उच्च न्यायालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उस याचिका को शुक्रवार को विचारार्थ स्वीकार कर लिया, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डिग्री के बारे में जानकारी प्रदान करने से संबंधित मामले में उच्च न्यायालय के एक हालिया आदेश पर पुनर्विचार का अनुरोध किया था।
गौरतलब है कि आप के राष्ट्रीय संयोजक को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डिग्री के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए गुजरात विश्वविद्यालय को केंद्रीय सूचना आयोग की ओर से जारी एक निर्देश को उच्च न्यायालय ने हाल में रद्द कर दिया था। अपनी पुनर्विचार याचिका में केजरीवाल द्वारा दिये गए प्रमुख तर्कों में से एक यह है कि गुजरात विश्वविद्यालय का दावा है कि मोदी की डिग्री ऑनलाइन उपलब्ध है, लेकिन ऐसी कोई डिग्री विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं है।
शुक्रवार को एक संक्षिप्त सुनवाई के बाद, न्यायमूर्ति बीरेन वैष्णव ने केजरीवाल की पुनर्विचार याचिका को विचारार्थ स्वीकार कर लिया और इसे 30 जून को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। अदालत ने गुजरात विश्वविद्यालय, केंद्र सरकार और पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त एम श्रीधर आचार्युलु को नोटिस जारी कर इस पर जवाब मांगा है। मार्च में, न्यायमूर्ति वैष्णव ने सीआईसी के आदेश के खिलाफ गुजरात विश्वविद्यालय की अपील को स्वीकार कर लिया था और केजरीवाल पर 25,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया था।
अप्रैल 2016 में तत्कालीन सीआईसी आचार्युलु ने दिल्ली विश्वविद्यालय और गुजरात विश्वविद्यालय को केजरीवाल को मोदी की डिग्रियों की जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। सीआईसी का यह आदेश केजरीवाल द्वारा आचार्युलु को लिखे पत्र के एक दिन बाद आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें अपने बारे में सरकारी रिकॉर्ड सार्वजनिक किए जाने पर कोई आपत्ति नहीं है।