Akhilesh ने लखीमपुर खीरी में समाजवादी पार्टी के प्रशिक्षण कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस दौरान सपा प्रमुख ने योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कानून व्यवस्था का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश की जनता बदलाव चाहती है। 2022 के चुनाव में जनता समाजवादी पार्टी की सरकार बनने जा रही थी लेकिन सब ने देखा कि क्या हुआ। अखिलेश ने कहा कि सरकार ने काले कानून को सिर्फ चुनाव को वजह से वापस लिए। इनकी नीयत ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि अपने पूजीपति दोस्तों को कैसे लाभ पहुंचा है इस पर सरकार काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि लाभ पहुंचाने के लिए गेहूं को खरीद कर कुछ कंपनियों को दिया गया। एमएसपी रेट पर गेहूं नहीं खरीदा गया। किसानों को और लाभ दिया जा सकता था। सपा प्रमुख ने कहा कि आज देश की बेटियां न्याय के लिए धरना दे रही । उन्होंने कहा कि भारतीय जतना पार्टी के लिए अलग- कानून देश के गरीब के लिए अलग कानून, समाजवादी पार्टी के नेताओं के लिए अलग कानून है। भारतीय जनता पार्टी कानून, संविधान को नहीं मानती है। उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों का बकाया गन्ना भुगतान का 14 दिन में देने का सरकार ने वादा किया था लेकिन 1 साल बीत जाने के बाद उन्हें बकाया नहीं मिला। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से पहली कोई सरकार है जो कि कार्यवाहक डीजीपी के सहारे उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था चल रही है। यादव ने कहा कि सरकार इस लिए कार्यवाहक डीजीपी के सहारे चल रही है क्योकि अपने मर्जी से सब कुछ कराया जा सके।
गौरतलब है कि ओडिशा के बालासोर जिले में हुए रेल हादसे का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए यादव ने कहा, ”जो ‘ट्रिपल इंजन’ का सपना दिखा रहे थे, उनके ‘ट्रिपल इंजन’ ही आपस में भिड़ गए।” केंद्र, राज्य और नगर निकाय चुनावों में भाजपा की जीत के मद्देनजनर भाजपा नेताओं द्वारा ‘ट्रिपल-इंजन’ शब्द का इस्तेमाल किया जा रहा है। ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार को तीन ट्रेन हादसे का शिकार हो गई थी जिनमें 275 लोगों की मौत हुई है और करीब 1200 लोग जख्मी हुए हैं। यादव ने कन्नौज के भाजपा सांसद सुब्रत पाठक पर पुलिसकर्मियों की पिटाई करने के आरोप में दर्ज मुकदमे को लेकर इल्ज़ाम लगाया, ”भाजपा सांसद पुलिस कर्मियों को पीट रहे हैं, जिन पर कार्रवाई होनी चाहिए वह भागे फिर रहे हैं। सरकार अपराधियों को बचाने में लगी है।’ लखीमपुर से चुनावी अभियान की शुरुआत करने के सवाल पर यादव ने कहा कि ” लखीमपुर कभी गन्ने और मिठास के लिए जाना जाता था लेकिन यहां अब किसानों पर ‘थार'(गाड़ी) चढ़ाई जा रही है। किसानों को सरकार से इंसाफ की कोई उम्मीद नहीं।