सीआईए यूनिट ने एक ऐसे अंतरराज्यीय ट्रैक्टर चोर गिरोह का पर्दाफाश किया है जो हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात आदि राज्यों से ट्रैक्टर चोरी करके, उनके फर्जी आरसी तैयार कर किसानों को बेचने का काम करता था। पलवल से बलई गांव के किसान की शिकायत पर पलवल सीआईए ने धोखाधड़ी करके आरसी बनाकर और चोरी ट्रैक्टरों के असली कागजात बनाकर बेचने वाले बड़े गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है। इतना ही नहीं, टीम ने छह ट्रैक्टरों को भी बरामद किया है। पकड़े गए शातिर बदमाश वसीम के खिलाफ अलग-अलग राज्यों में कुल दस मुकदमे दर्ज हैं। अभी इसके बाकी साथियों की गिरफ्तारी बाकी है।
डीएसपी हैडक्वार्टर शाकिर हुसैन ने प्रेस वार्ता कर बताया कि एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर उसकी निशानदेही पर करीब 50 लाख की कीमत के 6 ट्रैक्टर बरामद किए हैं। आरोपी अब तक 3 दर्जन ट्रैक्टरों को इसी तरह किसानों को बेच चुका है। सूचना के आधार पर पुलिस ने आरोपी को हसनपुर के पास से गिरफ्तार किया।
बलई गांव निवासी गंगाधर ने एक मुकदमा थाना चांदहट में दर्ज कराया था। जिसमें उसने बताया कि उसने एक ट्रैक्टर न्यू हॉलैंड वसीम निवासी नंगला कानपुर थाना हसनपुर से खरीदा था। कुछ समय बाद गंगाधर उस ट्रैक्टर को बेचकर नया खरीदना चाहता था। करीब पांच वर्ष पूर्व यह ट्रैक्टर खरीदा था। किसान गंगाधर ने उस ट्रैक्टर को बेचकर एक्सचेंज करते हुए नया ट्रेक्टर खरीदने का प्लान बनाया तो उसने अपने पुराने ट्रैक्टर की आरसी को एजेंसी के कर्मचारी को दिखाया। जब उसने काजगों की जांच कराई तो उक्त नम्बर की आरसी उसे न्यू हॉलैंड ट्रैक्टर की मिली। जिसपर उन्होंने आरोपी के खिलाफ धोकाधड़ी का मुकदमा दर्ज करा दिया। जिसपर कार्यवाही करते हुए सीआईए पलवल की टीम ने मुख्य आरोपी वसीम को गिरफ्तार कर 7 दिन की रिमांड पर लिया था। रिमांड के दौरान आरोपी की निशानदेही पर करीब 50 लाख रुपये के 6 ट्रैक्टर बरामद हुए। जो उसने इसी तरह आरसी को एडिट कर स्कैन के जरिये नई आरसी तैयार कर धोखाधड़ी से किसानों को बेचे थे।
इतना ही नहीं, आरोपी ने बताया कि उनके गिरोह ने अलग-अलग राजस्थान, हरियाणा, उत्तरप्रदेश व गुजरात में पहले भी कई वारदातों को अंजाम दिया हुआ है। जिनमें पहले भी वो जेल जा चुका है। शाकिर हुसैन ने बताया कि आरोपी स्कैन के माध्यम से चोरी किये हुए ट्रैक्टरों की आरसी पहले अपने नाम से बनाते थे, फिर एफिडेविट के माध्यम से किसानों को धोखे से बेच देते थे। उन्होंने बताया कि इस तरह की वारदातों को अंजाम देने में वसीम के अलावा गनपत जो फतेह सिंह खारा निवासी थाना फरहा जिला मथुरा उत्तरप्रदेश, जावेद निवासी सिंगार नूंह व बाबूलाल मध्यप्रदेश साथ रहते थे।
डीएसपी के अनुसार जावेद निवासी सिंगार चोरी किये हुए ट्रैक्टरों के एडिट व स्कैन के माध्यम से कागजात बनाने का काम करता था। उन्होंने बताया कि रिमांड अवधि के दौरान आरोपी ने खुलासा किया है कि उनका गिरोह अब तक करोड़ों रुपये के करीब 50 दर्जन ट्रैक्टर चोरी कर धोखाधड़ी से किसानों को बेच चुका है। उन्होंने कहा कि रिमांड अवधि के दौरान आरोपी द्वारा किये गए खुलासों के आधार पर उपरोक्त अन्य तीन लोगों को मामले में नामित कर दिया गया। उन आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद कुछ और भी वारदातों के खुलासा होने की संभावना है। जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।