लोकसभा चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहा है कि वैसे वैसे पार्टियां जीत के लिए रणनीति बनाने में जुट गई हैं। कोई गठबंधन की राह देख रहा है तो कोई अकेले मैदान में उतरने का मन बना चुका है। इस कड़ी में उत्तर प्रदेश की मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने भी काम शुरू कर दिया है। एक नया राजनीतिक दांव खेलने की चाहत में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव अब भाजपा को उसी की तर्ज पर ललकारने जा रहे है। अपने लोकसभा अभियान के तहत कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण के लिए सपा ने अपने कार्यक्रम की शुरुआत सीतापुर के नैमिषारण्य से की है। इसे भाजपा की अयोध्या राजनीति की तर्ज पर देखा जा रहा है। दरअसल अखिलेश अब पार्टी सॉफ्ट हिंदुत्व के जरिए भी अपने वोटबैंक को बढ़ाने की रणनीति पर कदम बढ़ा रहे हैं।
इसी रणनीति के तहत समाजवादी पार्टी अपना नैमिषारण्य एजेंडा लेकर सामने आयी है। 9-10 जून को वैदिक मंत्रोच्चार और हवन-पूजन के साथ नैमिषारण्य में सपा अपने लोकसभा अभियान की शुरुआत करेगी। दो दिन तक यहां कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर चलेगा, जिसमें पार्टी के कार्यकर्ता को चुनाव जीतने के दांव-पेच सिखाए जाएंगे। इसके अलावा मतदाता सूची सत्यापन, वोटर्स को बूथ तक ले जाने जैसी व्यवस्थाओं का तरीका भी सिखाया जाएगा।
दरअसल, सपा ने उस – नैमिषारण्य का चुनाव किया है। जिसे समाज का एक बड़ा वर्ग 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास मानता है। ऋषियों की तपस्थली होने के कारण हिंदू मतावलवियों के लिए यह स्थान धार्मिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। यहां अपना कार्यक्रम शुरू करने से पहले अखिलेश यादव समेत पार्टी के अन्य नेता वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन-पूजन करेंगे। इसके लिए 151 बेदियां बनाई जाएंगी। ललितादेवी मंदिर में पार्टी के नेता और कार्यकर्ता दर्शन-पूजन करेंगे और जीत का आशीर्वाद लेंगे।