मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में स्थित जिला कलेक्ट्रेट पर बुधवार को एक समाज सेवी संस्था शांति सेना की सैकड़ों महिला कार्यकर्ताओं ने पहलवानों के समर्थन में हाथों में तख्ती लेकर धरना प्रदर्शन करते हुए बीजेपी सांसद बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग की। इस दौरान शांति सेना द्वारा देश में रूल एंड लॉ इस्टेब्लिश करने की मांग की गई है। जिससे कि मुजलिम के खिलाफ f.i.r. होने के बाद पुलिस उसको अरेस्ट करके न्यायपालिका में भेजिए जिसके बाद न्यायपालिका ही ये तय करें कि ये मुजलिम है या नहीं। दरअसल आज एक समाज सेवी संस्था शांति सेना की सैकड़ों कार्यकर्ता संरक्षक मनीष गुप्ता के नेतृत्व में जिला कलेक्ट्रेट पर हाथों में तख्ती लेकर पहुंची थी। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन करते हुए पहलवानों के समर्थन में बीजेपी सांसद बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग की।
मैं पिछले काफी दिनों से पहलवानों के साथ धरने पर बैठी थीः समाजसेविका अल्पना भारती
इस प्रदर्शन में आज हैदराबाद की एक महिला समाजसेविका अल्पना भारती भी पहुंची थी जो पिछले काफी समय से पहलवानों के साथ दिल्ली में जंतर मंतर पर धरने पर बैठी हुई थी। अल्पना भारती ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं पिछले काफी दिनो से पहलवानों के साथ दिल्ली में जंतर-मंतर पर बैठी थी। जब उनका धरना वहां से उठा दिया गया तो यहां मुज़फ्फरनगर में आई हुं। हमारा कोई संगठन नहीं है लेकिन मनीष कुमार गुप्ता ने शांति सेना की स्थापना की है जिसमें सैंकड़ों महिलायें हैं। मैं भी उन महिलाओ में से एक हुं।
ये हमारी आज की लड़ाई नहींः अल्पना भारती
हम बहुत सालों से महिलाओं के सम्मान के लिए लड़ रहे हैं, ये हमारी आज की लड़ाई नहीं है। हम 10-20 सालों से इसको लड़ रहे हैं। हमारी एक ही मांग है कि इस समाज में न्याय की स्थापन हो। हम इतनी सरकारें देख चुके हैं लेकिन दबे-कुचले लोगों को जिसमें महिलायें भी हैं कभी न्याय नहीं मिला। अपने ऊपर हुए अत्याचार के लिए हमें हमेशा लड़ना पड़ता है। हमारी लड़ाई भी हमेशा अधूरी रहती है क्योंकि हमें सरकार का साथ नहीं मिलता। आज पहलवानों ने यही मुद्दा उठाया है। वो भी महिलायें हैं व इतनी बड़ी स्टार एवं ओलम्पिक गोल्ड मेडेलिस्ट भी हैं। इतनी ताकतवर होने के बावजूद भी उनके साथ वही हो रहा है जो दबे-कुचले लोगों के साथ होता है क्योकि वो भी महिला वर्ग से आती हैं। उनको भी न्याय नहीं मिल रहा है।
हिदुस्तान में रूल एंड लॉ इस्टब्लिश होना चाहिएः मुनेश गुप्ता
वहीं शांति सेना के संरक्षक मुनेश गुप्ता की मानें तो हमारा मुद्दा ये है कि इस हिदुस्तान में रूल एंड लॉ इस्टब्लिश होना चाहिए व संविधान की धाराओं के अंतर्गत काम होना चाहिए। अगर मुल्जिम के खिलाफ एफआईआर लिखी गई है तो पुलिस उसको एरेस्ट करे एवं न्यायपालिका में भेजे। न्यायपालिका तय करेगी की ये मुल्जिम है या नहीं है। ये थोड़ा ही कि अगर बीजेपी के वो सांसद हैं व प्रभावशाली हैं साथ ही एक और उनके साथ जाति को जोड़कर उनको एरेस्ट ना किया जाये तो ये क्या रूल ऑफ़ लॉ है।
साधारण आदमी को पुलिस 10 मिनट में उठा लेती है लेकिन…
मुनेश गुप्ता ने कहा कि कोई भी साधारण आदमी जिसके खिलाफ रिपोर्ट लिखी जाती है तो पुलिस उसे 10 मिनट में एरेस्ट कर लेती है। इन पहलवानो ने भी एफआईआर लिखवाई है। उसके बावजूद वो एक महीने से धरने प्रदर्शन पर हैं एवं उल्टा उन्हीं के खिलाफ मुक़दमे लिखवा दिए गए। उल्टा उन्हीं को घसीटा गया। धरने के माध्यम से हमारी केवल ये माँग है कि ‘अकॉर्डिंग टू दि रूल ऑफ़ लॉ’ व ‘अकॉर्डिंग टू दि कोर्ट्यूड्यूशन’ वो एरेस्ट हो व पोस्को में उसकी गिरफ्तारी है जो इमिजेटली एरेस्ट होना चाहिए।
बेटियों के खिलाफ शोषण हो रहा प्रधानमंत्री कुछ नहीं बोल रहेः मुनेश गुप्ता
मुनेश गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जब पहलवान गोल्ड मेडल जीतकर लाईं थीं तब उन्हें कहते थे कि तुम मेरी बेटियां हो। मेरे घर पर पुरे परिवार के साथ आना। अब जब वही बेटियां यौन शोषण की रिपोर्ट लिखवाई हैं तो उसपर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। आप पार्ल्यामेंट का उद्घाटन समेत सब काम कर रहे हैं। इस मुल्क की करोड़ों बहन-बेटियों की इज्जत दिन-रात शहरों व गांव में लुटती है और उनकी कोई सुनवाई नहीं होती।