पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय विशेष रूप से हिंदुओं के प्रति क्या मानसिकता है, इसका उदाहरण सिंध प्रांत में सामने आया है। सिंध के संघर जिले की म्यूनिसिपल कमेटी कापरू ने 18 मई को सफाई कर्मचारियों के 61 पदों पर रिक्तियां भरने के लिए एक विज्ञापन अखबार में दिया है। इस विज्ञापन की सबसे बड़ी बात यह है किए सभी पद गैर-मुस्लिमों के लिए आरक्षित हैं। दूसरे शब्दों में सिंध में नालियों और गटर की सफाई केवल गैर मुस्लिमों से ही करवाई जाएगी।
इस विभेदकारी विज्ञापन की ओर कराची की एक सामाजिक कार्यकर्ता मुनज्जा सिद्दीकी ने ध्यान खींचा है। एक वीडियो में उन्होंने इस विज्ञापन के लिए सरकार की कड़ी आलोचना की है। वह कहती हैं कि सिंध में किसी भी सफाई कर्मचारी को न्यूनतम 25,000 रुपए का वेतन भी नहीं दिया जाता है जो पैंशन, सामाजिक सुरक्षा के प्रावधानों और मानवाधिकारों व श्रम कानूनों का खुलेआम उल्लंघन है।
नाबालिग बेटी को बचाने वाली हिंदू मां पर चाकूओं से गोदा
सिंध प्रांत में अपनी नाबालिग बेटी को गुंडों से बचाने के प्रयास के दौरान उसकी मां जरीना भील (35 वर्ष) को 28 मई को 3 मुस्लिम युवकों ने मार डाला। घटना गोटकी में हुई जहां जरीना और उसकी नाबालिग बेटी मजदूरी करने गई थीं। दोपहर बाद 3 मुस्लिम युवक वहां पहुंचे और उनकी बेटी को अगवा करने का प्रयास किया। जब जरीना ने विरोध किया तो युवकों ने उस पर चाकू से कई वार कर दिए। जरीना को गोटकी सिविल अस्पताल ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
मुस्लिम दोस्तों के साथ गए हिंदू लड़के का क्षत-विक्षत शव मिला
27 मई की सुबह सिंध प्रांत के संघर जिले के कोट नवाब गांव के खेत से एक 21 वर्षीय हिंदू लड़के भागचंद भील का क्षत-विक्षत शव मिला। उसके पिता प्राणचंद भील व बहन महार के अनुसार भागचंद 25 मई की शाम घर से यह कहकर निकला था कि वह अपने दोस्तों सोहेल व अकरम के साथ बाहर जा रहा है और रात 10 बजे तक वापस आ जाएगा। सुबह तक नहीं लौटने पर परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की।
पुलिस में शिकायत की तो उन्हें यह कह कर वापस भेज दियागया कि भागचंद के घर छोडऩे के बाद से पर्याप्त समय नहीं बीता है और शाम तक वापस आ सकता है। प्राणचंद का कहना है कि हालांकि उन्होंने पुलिस को स्पष्ट रूप से कहा था कि उन्हें सोहेल और अकरम पर संदेह है, पुलिस ने उनसे पूछताछ नहीं की।