हरियाणा और पंजाब के बीच सीमा विवाद जल्द सुलझने की उम्मीद है क्योंकि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने विवादित सीमा स्थल पर मई के अंत तक दोनों प्रदेशों से बाऊंड्री पिल्लर लगाने की समय सीमा तय कर दी है। बाऊंड्री पिल्लर लगाने की लागत 4.46 करोड़ आएगी जिसे दोनों प्रदेश सांझा रूप से वहन करेंगे। जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस कुलदीप तिवारी की खंडपीठ ने विवादित स्थल पर विशेषज्ञों की टीम के जाने की तारीख को दोनों प्रदेशों के मुख्य सचिव को बताने का निर्देश दिया है।
टीम को पंजाब हरियाणा और चंडीगढ़ भू स्थानिक डाटा सेंटर (पी.एच.सी.जी.डी.सी.), सर्वे ऑफ इंडिया, चंडीगढ़ द्वारा अत्यधिक तत्परता के साथ तैनात किया जाएगा, क्योंकि दोनों राज्यों ने खंभे लगाने के लिए पैसा जमा किया था। इसी मकसद के लिए खंडपीठ में एक हफ्ते की समयसीमा तय की है। दोनों राज्यों के पुलिस महानिदेशक को किसी भी कानून व्यवस्था से जुड़ी आपातकाल स्थिति से निपटने के लिए पूरे इंतजाम करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
उत्तर प्रदेश के निवासी ने डाली थीं कई याचिकाएं
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले निवासी दिनेश कुमार और अन्य याचिकाकर्त्ताओं ने इस संबंध में कई याचिकाएं दायर की थीं। वे अपनी भूमि का राजस्व रिकॉर्ड तैयार करने के लिए निर्देश मांग रहे थे। जैसा कि मामला फिर से सुनवाई के लिए आया, भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर- जनरल सत्यपाल जैन ने चंडीगढ़ में हरियाणा भूमि अभिलेख निदेशक और पी.एच. सौ.जी.डी.सी. के अधिकारियों द्वारा बैठक के कार्यवृत्त । (मिनट्स) को रिकॉर्ड पर रखा।
प्राधिकरण करेगा विवाद का निपटारा
कार्यवृत्त का उल्लेख करते हुए खंडपीठ ने देखा कि प्रतिभागियों द्वारा ‘सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा जमीन पर सीमांकन किए जाने के लिए आवश्यक सभी विवादित क्षेत्रों के स्तंभों की सूची ‘ तैयार करने के संबंध में निर्णय लिए गए थे। राजस्थ एजेंसियों को बाद में राजस्व रिकॉर्ड अपडेशन करने के लिए भी निर्देशित किया गया था, जिसके बाद सक्षम वैधानिक प्राधिकरण प्रत्येक वादी के विवाद का निपटारा करेगा