भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अधिकारियों ने अनुमान जताया कि राष्ट्रीय राजधानी में आगामी दो से तीन दिन में अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस पहुंच सकता है, लेकिन अभी एक और सप्ताह तक भीषण गर्मी एवं ‘लू’ चलने की संभावना नहीं है। IMD के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर पश्चिमी क्षेत्र को प्रभावित करेगा जिसके प्रभाव के चलते 13 मई को दिल्ली में धूल भरी आंधी चलने और बूंदाबांदी होने की संभावना है, जिससे गर्मी से अस्थायी राहत मिल सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘आगामी कुछ दिन आसमान साफ रहने और अधिकतम तापमान बढ़ने की संभावना है और इसके 12-13 मई को 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने का अनुमान है, लेकिन 16-17 मई तक ‘लू’ चलने की संभावना नहीं है।’
दिल्ली में बुधवार को न्यूनतम तापमान 20.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया और अधिकतम तापमान 36.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य मौसम से तीन डिग्री कम है। शहर में 21 अप्रैल से सात मई के बीच बादल छाए रहे और छिटपुट बारिश हुई, जो साल के इन महीनों में दुर्लभ ही होता है। ऐतिहासिक रूप से, मई दिल्ली में सबसे गर्म महीना रहता है और इस दौरान औसत अधिकतम तापमान 39.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जाता है। अधिकारी इसका कारण एक के बाद एक आए पश्चिमी विक्षोभ को बताते हैं। पश्चिमी विक्षोभ मौसम की ऐसी प्रणालियां हैं जो भूमध्यसागरीय क्षेत्र में उत्पन्न होती हैं और उत्तर-पश्चिमी भारत में बेमौसम बारिश लाती हैं।
श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘उत्तर पश्चिमी भारत में 21-22 अप्रैल से तीन से चार पश्चिमी विक्षोभ आए हैं। इस दौरान दिल्ली में एक भी दिन ‘लू’ नहीं चली। यह दुर्लभ है, लेकिन हम आंकड़ों का अभाव होने के कारण इसे जलवायु परिवर्तन से नहीं जोड़ सकते।” बता दें कि दिल्ली में गत गुरुवार (4 मई) की सुबह मौसम का कुछ अलग ही रंग देखने को मिला था। सामान्य तौर पर इन दिनों भीषण गर्म हवाओं की चपेट में रहने वाली दिल्ली सुबह के समय कोहरे की हल्की चादर में लिपटी नजर आई थी। न्यूनतम तापमान गत गुरुवार को 15.8 डिग्री सेल्सियस था और यह मौसम संबंधी आंकड़ों का संग्रह शुरू किए जाने के पश्चात 1901 के बाद मई में तीसरी सबसे सर्द सुबह थी।
IMD के आंकड़ों के अनुसार, सफदरजंग वेधशाला में मई में अब तक 50.8 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जबकि इस पूरे महीने में दिल्ली में आमतौर पर 19.7 मिमी बारिश होती है। शहर में अप्रैल में 20 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई थी, जो 2017 के बाद से अप्रैल में हुई अब तक की सर्वाधिक बारिश है। लंबे समय तक बारिश के कारण इस दौरान अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे रहा है। IMD ने इस महीने उत्तर पश्चिमी भारत में सामान्य से कम तापमान रहने और अपेक्षाकृत कम दिन ‘लू’ चलने का पूर्वानुमान जताया है। दिल्ली में 2022 में अप्रैल का महीना 1951 के बाद से सबसे गर्म महीना था और इस दौरान मासिक औसत अधिकतम तापमान 40.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।