शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की हाल में गोवा में हुई बैठक सफल रही और यह इस आठ सदस्यीय समूह की प्रगति का नया मार्ग प्रशस्त करेगी जिसकी शीर्ष प्राथमिकता सुरक्षा सहयोग है।
SCO के महासचिव झांग मिंग ने यह बात कही। भारत ने चार-पांच मई को गोवा के बेनौलिम में एSCO के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक की मेजबानी की थी। बैठक की अध्यक्षता करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि इस सत्र ने SCO में बहुपक्षीय सहयोग के स्तर पर ध्यान केंद्रित करने, आपसी हित के क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर ध्यान देने और संगठन में सुधार एवं इसके आधुनिकीकरण पर चर्चा करने का अवसर प्रदान किया है।
SCO में चीन, भारत, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान शामिल हैं। भारत इस साल SCO की अध्यक्षता कर रहा है। SCO के महासचिव के रूप में कामकाज संभालने से पहले वरिष्ठ चीनी राजनयिक की भूमिका निभा चुके झांग ने कहा, ‘‘गोवा में पिछले दिनों हुई विदेश मंत्रियों की बैठक सफल रही। ”
उन्होंने कहा कि गोवा में हुई बैठक का उद्देश्य आगामी सम्मेलन के लिए आधार तैयार करना था। उन्होंने बुधवार को कहा, ‘‘यह कहना उचित होगा कि हमारे मंत्रियों ने विचारों का गहन आदान-प्रदान किया और उन्होंने बैठक के एजेंडा में शामिल सभी विषयों पर मंथन किया।” झांग ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि अनेक द्विपक्षीय बैठकों के साथ विदेश मंत्रियों ने अपेक्षित लक्ष्यों को हासिल किया। उन्होंने कहा कि सुरक्षा सहयोग एससीओ की शीर्ष प्राथमिकता है।