ब्रिटेन में मनी लॉन्ड्रिंग और मानव तस्करी के आरोप में भारतीय मूल के 16 लोगों को दोषी ठहराया गया है। ब्रिटेन की राष्ट्रीय अपराध एजेंसी (NCA) ने अंतर्राष्ट्रीय मनी लॉन्ड्रिंग और मानव तस्करी में शामिल पश्चिम लंदन स्थित एक संगठित अपराध समूह की जांच के बाद भारतीय मूल के कई पुरुषों और महिलाओं सहित 16 लोगों को दोषी ठहराया है। सभी 16 दोषियों जिनमें पंजाबी भी हैं, को 11 सितंबर 2023 से शुरू होने वाली सुनवाई में सजा दी जाएगी।
NCA के जांचकर्ताओं ने बताया कि अपराधिक नेटवर्क के सदस्यों ने 2017 से 2019 के बीच ब्रिटेन से 42 मिलियन पाउंड से ज्यादा की नकदी की तस्करी की और दुबई की सैंकड़ों यात्राएं कीं। जांचकर्ताओं के मुताबिक, अपराधियों ने यह धन प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री के हासिल किया था। एजेंसी के वरिष्ठ जांच अधिकारी क्रिस हिल ने कहा, ‘वाणिज्यिक स्तर पर धन शोधन और संगठित आव्रजन (इमिग्रेशन) अपराध में शामिल अपराधियों के संगठित समूह की लंबी और जटिल जांच रही। NCA अधिकारियों ने 2019 में टायर ले जाने वाली एक वैन के पीछे ब्रिटेन में पांच बच्चों और एक गर्भवती महिला सहित 17 प्रवासियों की तस्करी करने के लिए इस गिरोह की साजिश का पर्दाफाश किया।
वरिष्ठ जांच अधिकारी क्रिस हिल ने कहा कि NCA के जांचकर्ताओं ने ब्रिटेन और विदेश में भागीदारों के साथ मिलकर इस मामले को सुलझाने का काम किया और अंत में अपराधों को सबूतों के साथ साबित भी कर दिया। जांचकर्ताओं ने पाया कि ब्रिटेन छोड़ने वाले कुरियर से लगभग 1.5 मिलियन पाउंड जब्त किए गए लेकिन, दुबई में नकदी और जब्त की गई अन्य सामग्री से पता चला कि समूह ने इससे अधिक धन की हेराफेरी की है।
अभियान के तहत गिरफ्तार किए गए और आरोपी बनाए गए लोगों पर इस साल जनवरी में दक्षिण लंदन की क्रोयडोन क्राउन कोर्ट में मुकदमा चलाया गया। पहले मुकदमे में चरण सिंह, बलजीत सिंह, जसबीर सिंह कपूर, जसबीर सिंह ढाल को आपराधिक संपत्ति या धनशोधन की साजिश रचने का दोषी पाया गया था। जबकि स्वांदेर सिंह ढल को आपराधिक संपत्ति और इमिग्रेशन कानून के उल्लंघन की साजिश रचने का दोषी पाया गया और दिलजन सिंह मल्होत्रा को इमिग्रेशन कानून के उल्लंघन की साजिश रचने का दोषी पाया गया