रहे हैं। टाइप-1 डायबिटीज ऑटोइम्यून रिएक्शन के कारण होती है, वहीं, टाइप-2 डायबिटीज खराब लाइफस्टाइल और आदतों की वजह से होती है। जब रक्त में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाका है, तो यह इस बीमारी का कारण बनता है। पैनक्रियाज पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाते हैं या फिर इंसुलिन का पूरी तरह से उपयोग नहीं हो पाता है, जिससे रक्त में ब्लड शुगर बढ़ने लगता है।
डायबिटीज में दी जाती है फल न खाने की सलाह
ज्यादातर मामलों में डायबिटीज के मरीजों को चीनी का सेवन कम से कम करना होता है और ऐसे खाने का सेवन करना होता है, जिसका ग्लायसेमिक इंडेक्स कम हो, यानी ऐसे फूड्स जो शरीर में रक्त शकरा का स्तर न बढ़ाएं। डायबिटीज होने पर ज्यादातर फलों का सेवन न करने की सलाह दी जाती है। हालांकि, कई ऐसे मौसमी फल हैं, जिनको खाए बिना रहा भी नहीं जाता! इसी लिस्ट में सबसे ऊपर आता है फलों का राजा आम। आम का सीजन आते ही आपको बाजारों और सड़कों पर आम ही आम दिखते हैं और इनकी खुशबू आपको इनसे परहेज नहीं करने देतl
क्या डायबिटीज में आम खा सकते हैं?
आम में चीनी का स्तर काफी हाई होता है, इसलिए डायबिटीज के मरीजों के लिए इसे खाने की मनाही होती है। हालांकि, हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो अगर आम को कंट्रोल्ड मात्रा में खाया जाए, तो इससे आपको फायदा पहुंच सकता है। आम की कम मात्रा खाने से आपका ब्लड शुगर का स्तर भी नहीं बढ़ता। डॉक्टर्स की मानें तो डायबिटीज के मरीज जिनका ब्लड शुगर का स्तर कंट्रोल में है, वे आम का सेवन कर सकते हैं।
पोषक तत्वों से भरपूर आम
आम में चीनी का लेवल काफी उच्च होता है, लेकिन साथ ही इसमें कार्ब्स का स्तर कम होता है। आम में सभी जरूरी विटामिन और मिनरल्स होते हैं। इसमें विटामिन-ई, के और बी कॉम्प्लेक्स की अच्छी मात्रा होती है और फाइबर का स्तर उच्च होता है, साथ ही इसमें कैल्शियम, पोटैशियम और कॉपर की भी अच्छी मात्रा होती है।
कितना आम खाना है सुरक्षित?
ब्लड शुगर न बढ़े, इसके लिए एक साथ बहुत सारा आम खाने से बचना चाहिए। अगर आपको डायबिटीज है, तो 1/2 कप (82.5 ग्राम) आम खाकर देखें कि आपका ब्लड शुगर बढ़ता है या नहीं और अगर बढ़ता है तो कितना बढ़ रहा है। आप उस हिसाब से अपने आम खाने की मात्रा तय कर सकते हैं।