बिहार सरकार को बड़ा झटका लगा है। पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की बेंच ने जातीय गणना पर रोक लगा दी है। अब 3 जुलाई 2023 को अगली सुनवाई होगी।
“2 और 3 मई को हाईकोर्ट में इस मामले में हुई थी सुनवाई”
बता दें कि चीफ जस्टिस की बेंच ने आदेश दिया है कि गणना को तत्काल प्रभाव से रोक दिया जाए। साथ ही डाटा को संरक्षित रखने के निर्देश दिए गए है। अब 3 जुलाई 2023 को अगली सुनवाई होगी। दरअसल, 2 और 3 मई को हाईकोर्ट में इस मामले में सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने ये जानना चाहा था कि जातियों के आधार पर गणना और आर्थिक सर्वेक्षण कराना क्या कानूनी बाध्यता है। कोर्ट ने ये भी पूछा था कि ये अधिकार राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार में है या नहीं। साथ ही ये भी जाना था कि क्या इससे निजता का उल्लंघन होगा? सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया था कि राज्य सरकार ने जातियों और आर्थिक सर्वेक्षण करा रही है। उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण कराने का ये अधिकार राज्य सरकार के अधिकारक्षेत्र के बाहर है। उन्होंने कोर्ट को बताया था कि राज्य सरकार जातियों की गणना व आर्थिक सर्वेक्षण करा रही है। ये संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत है।
दीनू कुमार ने बताया था कि प्रावधानों के तहत इस तरह का सर्वेक्षण केंद्र सरकार करा सकती है। ये केंद्र सरकार की शक्ति के अंतर्गत आता है। उन्होंने कहा था कि इस सर्वेक्षण के लिए राज्य सरकार पांच सौ करोड़ रुपए खर्च कर रही है। दूसरी तरफ राज्य सरकार का कहना था कि जन कल्याण की योजनाएं बनाने और सामाजिक स्तर सुधारने के लिए ये सर्वेक्षण कराया जा रहा है