कर्नाटक में कांग्रेस द्वारा जारी घोषणा पत्र में बजरंग दल पर बैन होने की बात पर देशभर में एक नया विवाद छिड़ गया है। मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह ने भी इस बात का समर्थन किया है और कहा है कि वे पहले ही अपनी सरकार के समय बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाना चाहते थे। अब छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने भी दो टूक कहा है कि बजरंगियों ने यदि छत्तीसगढ़ में कुछ गड़बड़ की तो यहां भी उन्हें बैन करने पर विचार किया जा सकता है।
बुधवार को पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए सीएम भूपेश बघेल ने बजरंग दल बैन होना चाहिए या नहीं इस पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने बजरंग दल की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि यदि कोई अपराध हुआ है तो उसके लिए कानून है, अपराधी को सजा देने के लिए कानून है, क्या बजरंग दल के सदस्य होने के नाते आप सीधा कानून हाथ में ले लेंगे। कर्नाटक में 40 प्रतिशत कमीशन लिया जा रहा है। इसलिए वहां के जनप्रतिनिधियों ने ऐसा फैसला लिया है। यदि छत्तीसगढ़ में बजरंगियों ने कुछ गड़बड़ की तो यहां भी उन्हें बैन करने पर विचार किया जा सकता है।
दरअसल, कांग्रेस ने कर्नाटक में घोषणा पत्र जारी किया है और इसमें नफरत फैलाने वाले संगठनों पर बैन लगाने का भी वादा किया है। इसमें सबसे बड़ा नाम बजरंग दल का है। ऐसे में सवाल उठने लगा है कि आखिर कांग्रेस ने बजरंग दल पर बैन लगाने का एलान क्यों किया?
कर्नाटक में उठा विवाद अब देशभर में बवाल मचा रहा है। मध्य प्रदेश में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बाकायदा पत्र लिखकर पीसीसी चीफ कमलनाथ से सवाल किए हैं कि वे बजरंग दल बैन करने का समर्थन करते हैं या नहीं। वे जबाव में अपनी राय पत्र के जरिए भेंजे। इतना ही नहीं नरोत्तम मिश्रा ने इसे भगवान हनुमान का अपमान बताते हुए कहा कि पीएफआई जैसे संगठन से इसकी तुलना कर कांग्रेस ने एक बार फिर अपनी आतंक-समर्थक मानसिकता का परिचय दिया है।