कर्नाटक में कांग्रेस द्वारा जारी घोषणा पत्र को लेकर मध्य प्रदेश की राजनीति में नया विवाद छिड़ गया है। बजरंग दल की तुलना पीएफआई के साथ किए जाने पर नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ को घेरा है। नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ को पत्र लिखकर जवाब मांगा है कि वे वैसे तो हनुमान के भक्त बनते हैं लेकिन क्या यह सही है, क्या कांग्रेस इस घोषणा पत्र के पक्ष में है या विपक्ष में। नरोत्तम मिश्रा ने इसे भगवान हनुमान का अपमान बताते हुए कहा कि पीएफआई जैसे संगठन से इसकी तुलना कर कांग्रेस ने एक बार फिर अपनी आतंक-समर्थक मानसिकता का परिचय दिया है।
नरोत्तम मिश्रा ने पत्र में लिखा कि ‘इस घोषणा पत्र में कांग्रेस ने बजरंग दल जैसे राष्ट्र सेवी संगठन पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की गई है। ऐसे में कोई भी बजरंग भक्त ऐसा नहीं होगा, जिसकी भावनाएं आहत न हुई हो। पीएफआई जैसे राष्ट्र विरोधी संगठन के साथ बजरंग दल की तुलना कर इसका अपमान किया है।’
उन्होने कहा कि कमलनाथ जी जो खुद को हनुमान भक्त बताते हैं वो इसे मध्य प्रदेश के बारे इस मुद्दे को लेकर अपन राय स्पष्ट। उन्होंने कहा कि आप पाखंड करते हैं। हनुमान भक्ति का और उधर भगवान को कैद करना चाहते हैं। प्रतिबंध लगाना चाहते हैं। ये वही कांग्रेस है जिसने राम जन्मभूमि पर भगवान राम को ताले में रखा था। दिग्विजय सिंह ने आज ही ट्वीट किया है कि वह पहले ही अपनी सरकार के समय प्रतिबंध लगाना चाहते थे। सोनिया गांधी को भी अपनी प्रतिक्रिया देनी चाहिए। जब राहुल गांधी और प्रियंका गांधी मध्य प्रदेश आते हैं तो मंदिर-मंदिर जाते हैं चुनाव के वक्त। उन्होने कहा कि ये कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति है और इसका जवाब कर्नाटक की जनता तो देगी लेकिन कमलनाथ जी लौटती डाक से इस पत्र का जवाब दें और मध्य प्रदेश के संदर्भ में अपना मत स्पष्ट करें।