जिले के कोतवाली देहात क्षेत्र में अज्ञात लोगों ने एक गऊशाला का ताला तोड़कर कथित रूप से करीब 18 गायों को मार डाला और उनका मांस वाहन में भरकर फरार हो गए। घटना सामने आने पर पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस क्षेत्राधिकारी (नगर) विक्रांत त्रिवेदी ने बुधवार को बताया कि अज्ञात तस्करों/बदमाशों ने दो/तीन मई की दरमियानी रात कोतवाली देहात क्षेत्र के लखमीपुर में स्थित एक गऊशाला का ताला तोड़ा, उसमें से एक दर्जन से अधिक गायों को बाहर निकाला और गला काट कर उनकी हत्या करने के बाद उनका मांस एक गाड़ी में भरकर फरार हो गए।
सूत्रों के मुताबिक, घटना से 12 घंटे पहले इसी थाना क्षेत्र के पवास गांव के नजदीक एक खेत के पास आधा दर्जन से अधिक गोवंशीय पशुओं के अवशेष मिले थे। माना जा रहा है कि वे जानवर भी लखमीपुर की गऊशाला के ही थे। ग्राम प्रधान प्रियंका कुमारी के पुत्र विपिन कुमार ने बताया कि ग्राम पंचायत में एक गऊशाला है जिसमें सोमवार तक कुल 83 गोवंशीय पशु थे मगर आज उनकी संख्या घटकर 56 रह गई है। उन्होंने बताया कि गऊशाला में रात में रुकने के लिए किसी भी कर्मचारी की तैनाती नहीं है, ऐसे में रात को उन्हें खुला छोड़ कर बाहर गेट पर ताला लगा दिया जाता है।
अपर पुलिस अधीक्षक धनंजय कुशवाहा ने कहा कि 24 घंटों के अंदर करीब डेढ़ दर्जन गोवंशीय पशुओं की हत्या की घटना बहुत गंभीर है। मामले की जांच की जा रही है। इस घटना को लेकर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल सहित विभिन्न हिंदुवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जाहिर की है। विश्व गो रक्षा संघ के प्रदेश अध्यक्ष नेत्रपाल सिंह ने कहा कि यह घटना जिला प्रशासन तथा क्षेत्रीय गऊशाला के लिए जिम्मेदार प्रधान की लापरवाही की वजह से हुई है। उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही हत्यारों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही नहीं की गई तो संगठन को मजबूरन प्रशासन के खिलाफ सड़कों पर उतरना पड़ेगा।