सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तलाक पर अहम फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जहां रिश्तों में सुधार की गुंजाइश न हो, तलाक को मंजूरी दे सकता है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने उन याचिकाओं पर फैसला सुनाया जिसमें कहा गया कि तलाक के लिए सहमत कपल को फैमिली कोर्ट में भेजे बिना ही अलग रहने की अनुमति दी जा सकती है। पीठ ने कहा, ‘‘हमने व्यवस्था दी है कि इस अदालत के लिए किसी शादीशुदा रिश्ते में आई दरार के भर नहीं पाने के आधार पर उसे खत्म करना संभव है।”
कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत उसके अधिकारों के प्रयोग से संबंधित कई याचिकाओं पर यह फैसला सुनाया। पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 29 सितंबर 2022 को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था जिनमें 2014 में शिल्पा शैलेश की ओर से दायर मुख्य याचिका भी शामिल है। अदालत ने अपना आदेश सुरक्षित रखते हुए कहा था कि सामाजिक परिवर्तन में ‘थोड़ा समय’ लगता है और कभी-कभी कानून लाना आसान होता है, लेकिन समाज को इसके साथ बदलने के लिए राजी करना मुश्किल होता है।