उत्तर प्रदेश में जल्द होने वाले नगर निकाय चुनाव को लेकर सभी पार्टियां जोरों शोरों से अपना चुनाव प्रचार कर रही है। समाजवादी पार्टी भी चुनाव को जीतने की तैयारियों में जुटी है। इसी को लेकर वह प्रचार कर रही और सपा संगठन को मजबूत करने में लगी है। लेकिन कहीं न कहीं सपा में कन्फ्यूजन की भी स्थिति है, चाहे फिर बात संगठन को मजबूत करने या फिर मेयर पद के उम्मीदवारों चुनने की। यह बात भारतीय जनता पार्टी द्वारा कही गई है।
बता दें कि, यूपी के निकाय चुनाव में समाजवादी पार्टी(Samajwadi party) ने सबसे पहले 17 उम्मीदवार तो मेयर पद के घोषित कर दिए लेकिन बाद में सपा ने उसमें बदलाव करते हुए कई चेहरे को बदल दिया। बरेली में तो हालत यह हो गए कि पार्टी ने अपने अधिकृत उम्मीदवार का ही पर्चा वापस करा दिया और अब पार्टी वहां पर निर्दलीय उम्मीदवार आई एस तोमर को समर्थन कर रही है। जबकि गाजियाबाद में पहले नीलम गर्ग को उम्मीदवार बनाया था और फिर उन्हें बदलकर पूनम यादव को कैंडिडेट बना दिया गया। इसी तरह मेयर पद के लिए पहले ललिता जाटों को उम्मीदवार को बनाया गया था जिसे बदलकर जूही प्रकाश को उम्मीदवार बना दिया गया।
इसी तरह सपा ने अयोध्या में जब पहली लिस्ट जारी हुई तो पहले उम्मीदवार के तौर पर आलोक पांडे का नाम था, लेकिन बाद में संशोधित लिस्ट जारी करते हुए आशीष पांडे को उम्मीदवार बनाया गया। इसी तरह झांसी में पार्टी ने अपना उम्मीदवार बदला। वहीं, शाहजहांपुर में सपा ने अर्चना वर्मा को मेयर पद का उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वो सपा का दामन छोड़कर बीजेपी में चली गई और फिर वहां भी समाजवादी पार्टी को अपना उम्मीदवार बदलना पड़ा। अब सवाल यह है कि, आखिर सपा इतनी कंफ्यूजन में क्यूं है?
BJP ने सपा में कन्फ्यूजन की कही बात
समाजवादी पार्टी ने चुनाव में कई चेहरे बदले है। उम्मीदवारों का चुनाव कर उन्हें हटाया और नए उम्मीदवार की घोषणा की। इसी को देखते हुए विपक्ष ने सपा के कन्फ्यूजन की स्थिति में होने की बात कही है। बीजेपी साफ तौर पर कह रही है कि, समाजवादी पार्टी ये तय ही नहीं कर पा रही है कि उसे करना क्या है।