उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में स्थित एक नशा मुक्ति केंद्र के कर्मचारियों ने केंद्र में भर्ती एक युवक को कथित तौर पर इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि टर्नर रोड निवासी सिद्धार्थ (25) द्वारा घर जाने देने की जिद करने से नाराज कर्मचारियों ने पहले उसे कथित तौर पर भूखा-प्यासा रखा और उसके बाद सोमवार रात उसे डंडों से तब तक मारा जब तक कि वह बेहोश नहीं हो गया।
क्या कहती है पुलिस?
नगर पुलिस अधीक्षक सरिता डोभाल ने बताया कि मंगलवार की सुबह वह मृत मिला। उन्होंने बताया कि मामले के संबंध में केंद्र के चार व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 302 ए तथा अनुसूचित जाति/जनजाति कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है, तथा मामले की जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती अन्य लोगों के बयान भी लिए जा रहे हैं और यह पता लगाने का प्रयास हो रहा है कि वहां किस प्रकार का व्यवहार होता था। पुलिस ने बताया कि अभी मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। जांच की अगुवाई कर रहे नगर पुलिस क्षेत्राधिकारी पंकज गैरोला ने बताया कि जिन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, उनमें केंद्र के संचालक प्रशांत जुयाल के अलावा मोहन थापा, अजय शर्मा तथा मनीष चौधरी शामिल हैं ।
प्रदेश भर में चल रहे नशा मुक्ति केंद्रों की कार्यप्रणाली की जाएगी जांच- समाज कल्याण मंत्री
गैरोला ने कहा कि सिद्धार्थ की पोस्टमार्टम रिपोर्ट अभी उन्हें नहीं मिली है लेकिन उन्होंने माना कि उसके शरीर पर चोटों के निशान थे। घटना के बाद, सिद्धार्थ के परिजनों ने टर्नर रोड के निवासियों के साथ प्रदर्शन किया तथा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए समाज कल्याण मंत्री चंदन रामदास ने कहा कि प्रदेश भर में चल रहे नशा मुक्ति केंद्रों की कार्यप्रणाली की जांच की जाएगी । उन्होंने कहा कि नियमों का उल्लंघन कर रहे नशा मुक्ति केंद्रों को बंद करवाया जाएगा ।