दिल्ली की ऊर्जा मंत्री आतिशी ने कहा कि शुक्रवार से शहर के करीब 46 लाख लोगों को मिलने वाली बिजली सब्सिडी खत्म हो जाएगी क्योंकि उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने अभी तक उपभोक्ताओं को सब्सिडी देने की फाइल को मंजूरी नहीं दी है। यह शहर की सरकार और उपराज्यपाल (LG) कार्यालय के बीच गतिरोध का नवीनतम मुद्दा हो सकता है। मंत्री ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर सक्सेना के साथ बैठक के लिये समय मांगा था लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने यहां एक प्रेस कॉन्प्रेस में कहा, “हम 46 लाख लोगों को जो सब्सिडी देते हैं, वह आज से बंद हो जाएगी।
सोमवार से लोगों को बिना सब्सिडी के बढ़े हुए बिल मिलेंगे।” मंत्री ने कहा कि दिल्ली मंत्रिमंडल ने वर्ष 2023-24 के लिए बिजली सब्सिडी के विस्तार को मंजूरी दे दी है, लेकिन फाइल अब भी उपराज्यपाल कार्यालय में लंबित है। उन्होंने आरोप लगाया, “जब तक फाइल मंजूर नहीं हो जाती, तब तक हम सब्सिडी नहीं दे सकते। मैंने इस मामले पर चर्चा के लिए एलजी कार्यालय से भी समय मांगा था लेकिन 24 घंटे से ज्यादा हो गए हैं और मुझे समय नहीं दिया गया है। फाइल भी अभी तक वापस नहीं आई है।” आतिशी ने कहा कि फाइल कुछ दिनों पहले भेजी गई थी लेकिन जवाब का अब भी इंतजार है। उन्होंने कहा, “इस सब्सिडी के बजट को विधानसभा ने पास कर दिया है।
सरकार के पास सब्सिडी के लिए पैसा है लेकिन हम इसे खर्च नहीं कर सकते।” दिल्ली में AAP सरकार उपभोक्ताओं को 200 यूनिट मासिक खपत के साथ मुफ्त बिजली प्रदान करती है। प्रति माह 201 से 400 यूनिट खपत करने वालों को 50 प्रतिशत सब्सिडी मिलती है जिसकी अधिकतम सीमा 850 रुपए है। पिछले साल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की थी कि बिजली सब्सिडी केवल उन उपभोक्ताओं को प्रदान की जाएगी जो इसके लिए आवेदन करेंगे। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 58 लाख से अधिक घरेलू उपभोक्ताओं में से 48 लाख से अधिक ने बिजली सब्सिडी के लिए आवेदन किया है। AAP सरकार ने 2023-24 के अपने बजट में बिजली सब्सिडी के लिए 3250 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं।