आज के युग में बेटे से बढ़कर बेटियां हर क्षेत्र में अपनी उपलब्धि से देश समाज और परिवार का नाम रोशन कर रही है। किसी भी क्षेत्र में बेटियां बेटों से कम नहीं है इसका जीता जागता उदाहरण आज सीहोर में देखने को मिला। जहां भारतीय थल सेना से रिटायर मेजर गिरीश आनंद की मौत पर बेटे की कमी को उनकी बेटी ने पूरा किया और अपने पिता को मुखाग्नि दी।
भारतीय थल सेना से मेजर की रेंक से रिटायर गिरीश आनंद की मौत पर उनकी एकमात्र बेटी रोशनी ने सामाजिक रीति रिवाज से परे हटते हुए अपने पिता की अर्थी को कंधा दिया। श्मशान घाट में भी सारे रीति रिवाज निभाए चिता को मुखाग्नि देकर पुत्र धर्म निभाया। रोशनी के इस साहस की सर्वत्र प्रशंसा हो रही है।