करनाल : जिले के चिड़ाव गांव पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने करनाल में किसानों की गिरी हुई फसलों का जायजा लिया। जहां उन्होंने सरकार और प्रशासन पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आज किसान बर्बादी की कगार पर पहुंच चुका है, लेकिन सरकार के नुमाइंदे ना तो किसानों की पड़ी हुई फसलें देखने के लिए आए और ना ही मुआवजे का कुछ प्रावधान किया गया है। जिससे किसानों में सरकार व प्रशासन के प्रति रोष है।
बता दें कि गांव जाजवान निवासी किसान राजेश ने बीती 23 मार्च को राकेश टिकैत को फोन करके अपनी फसल खराब होने का दर्द सुनाया था। जिसमें रोते हुए राजेश ने कहा था कि ताऊ नाश हो गया, ओले पड़ गए, फसल बर्बाद हो गई। राकेश टिकैत आज गांव जाजवान में जाते समय करनाल के चिंडाव गांव में रुके और फसालों को जायजा लिया।
सरकार किसानों के नुकसान को आंक रही 2 प्रतिशत
उन्होंने कहा कि सरकार गेहूं में किसानों का नुकसान सिर्फ दो पर्सेंट ही आंक रही है, जबकि वास्तविकता यह है कि 30 से 40% नुकसान किसानों का हुआ है और जब इसकी लेबर कोस्ट लगेगी तो यह नुकसान 50 परसेंट में जाएगा। किसानों पर दोहरी मार पड़ी है।
किसानों की फसल का सर्वे करवाए सरकार
उन्होंने कहा कि जब इलेक्शन के दौरान पार्टियां डोर टू डोर अभियान चलाती हैं तो उन्हें पता होता है कि किस घर में कितनी वोट है, इसी तरह से किसानों के भी सर्वे करवाया जाए। क्योंकि सरकार को पता है कि किस किसान का कितना नुकसान हुआ है और उस नुकसान के हिसाब से मुआवजा दें। उन्होंने कहा कि अब गेहूं का दाना खराब हो गया है। इसके अलावा किसान को कटाई के समय भी दोहरी लेबर देनी पड़ेगी। क्योंकि कंबाइन से अगर कटाई होगी तो गेहूं के साथ मिट्टी भी आएगी और कंबाइन वाला भी अधिक पैसे मांगेगा। अगर सरकार किसानों को उचित मुआवजा नहीं दे पाती है तो किसान इसके खिलाफ आवाज उठाएंगे। क्योंकि बोलने की आजादी सभी को है।
सर्वे कमेटी बनाए सरकार
उन्होंने कहा कि जब तक गेहूं की फसलों का फिजिकल सर्वे नहीं होगा, तब तक कोई बात नहीं बन पाएगी। इसलिए सरकार सर्वे कमेटी बनाएं, उस कमेटी में गांव के सरपंच और कुछ ग्रामीणों को भी जोड़ें ताकि किसान के खेत का सही से निरीक्षण हो सके और उसे मुआवजा मिल सके।
अमृतपाल व खालिस्तान मुद्दे पर बोले टिकैत
पत्रकारों से बातचीत करते हुए अमृतपाल व खालिस्तान के मुद्दे पर राकेश टिकैत ने कहा कि हम नहीं चाहते कि देश टूटे, हम भी देश को जोड़ना चाहते हैं। उन्होंने मीडिया की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए। टिकैत ने कहा कि अगर मीडिया निगेटिव चीजें दिखाना बंद कर देंगी तो इस तरह के विवाद खुद ही शांत हो जाएंगे। जब कोई निगेटिव चीज का प्रसार होता है तो लोगों में गलत मैसेज जाता है। टिकैत ने कहा कि वे किसानों के हकों की लड़ाई लड़ते आ रहे हैं और जल्द ही एक बार फिर दिल्ली में किसान इकट्ठा होंगे, किसान सिर्फ इस सरकार को देख रहे हैं।
राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने पर भी बोले टिकैत
राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने के सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा कि अभी सिर्फ राहुल गांधी की सदस्यता गई है। अभी तो और दूसरे सांसदों की भी सदस्यता रद्द होगी। उन्होंने कहा कि अब तीन विकल्प बचे हैं, या तो सांसद या नेता बीजेपी में जाएंगे या फिर जेल में जाएंगे या फिर आंदोलन में जाएंगे। जब राकेश टिकेत से सवाल किया गया कि वह किस तरफ जाएंगे तो उन्होंने जवाब दिया कि वह आंदोलन में जाएंगे।