हिंदू धर्म में नवरात्रि पर्वों को शक्ति की आराधना का विशेष पर्व माना जाता है। क्वार (अश्विन) और चैत्र नवरात्रि पर्वों के समय पूरे देश में श्रृद्धा, भक्ति का अनूठा संगम देखने को मिलता है। खासकर महिलाओं द्वारा विशेष रूप से मां दुर्गा की पूजा अर्चना की जाती है। गांव गली के छोटे मोहल्लों में मां दुर्गा के मंदिरों में आस्था भक्ति का अनूठा संगम देखने को मिलता है।
कुछ ऐसा ही नजारा रविवार को भी मझगंवा के तालाब तीर स्थित प्राचीन मां दुर्गा मंदिर में उस समय देखने को मिला, जब देवी के दर्शनों को आई एक आदिवासी महिला ने मां दुर्गा के चरणों में अपनी जीभ काटकर चढ़ा दी। इस घटना को सुनने के बाद से जहां मंदिर परिसर में श्रृद्धालुओं का जमघट लग गया है तो वही महिला के परिजनों द्वारा मंदिर परिसर में महिला की जीभ वापसी की प्रार्थना करते हुए भजन कीर्तन प्रारंभ कर दिया गया है।
पूरा मामला मझगंवा कस्बा प्राचीन तालाब तीर स्थित मां दुर्गा मंदिर का है। जहां सुबह से ही मां भगवती दुर्गा के दर्शनों के लिए महिलाओं, बच्चों और पुरुषों की भीड़ उमड़ रही थी। इसी बीच मझगंवा नई बस्ती निवासी आदिवासी महिला सरोज कोल पति बच्चा कोल संग मंदिर में दर्शनों के लिए पहुंची और मां दुर्गा के चरणों में अपनी जीभ काटकर समर्पित कर दी। साथ ही बेसुध होकर जमीन पर गिर पड़ी। देखते ही देखते यह खबर जंगल में आग की तरह पूरे मझगंवा मे फैल गई।
इस घटना को जिसने भी सुना, वो सीधे मंदिर की तरफ दौड़ पड़ा। देखते ही देखते मंदिर परिसर में श्रृद्धालुओं का जमघट लग गया। घटना के बाद लोगों ने महिला के परिजनों सहित पुलिस को भी जानकारी दी गई। जिसके बाद मौके पर पहुंचे परिजनों द्वारा जहां आस्था, भक्ति और विश्वास दिखाते हुए महिला की जीभ वापसी की प्रार्थना की और मंदिर परिसर में भजन कीर्तन प्रारंभ कर दिया। तो वहीं पुलिस द्वारा महिला को उपचार के लिए अस्पताल ले जाने के लिए कहे जाने के बावजूद परिजनों द्वारा इंकार कर दिया गया। बावजूद मौके पर पुलिस बल भी एहतियातन मौजूद है।