भारत और जापान ने कानून शासन आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को कायम रखने व इसकी मजबूती के लिए प्रतिबद्धता जताई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा ने पुष्टि की है कि भारत और जापान कानून के शासन पर आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने और मजबूत करने की जिम्मेदारी साझा करते हैं। उन्होंने जी7 और जी20 बैठकों में इस विचार को स्पष्ट रूप से रेखांकित करने के महत्व पर सहमति व्यक्त की।
आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, सोमवार को दिल्ली में दोपहर के भोजन के दौरान दोनों नेताओं ने पुष्टि की कि दोनों देश सुरक्षा परिषद सुधार पर ठोस परिणाम प्राप्त करने के लिए द्विपक्षीय रूप से और साथ ही जी4 में निकटता से समन्वय करेंगे। यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामकता के संबंध में, किशिदा ने बैठक के दौरान समझाया कि अंतर्राष्ट्रीय कानून के उल्लंघन में यथास्थिति में इस तरह के एकतरफा बदलाव को एशिया सहित दुनिया में कहीं भी बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। दोनों नेताओं ने विभिन्न क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान भी किया। उन्होंने पुष्टि की कि वे पूर्व और दक्षिण चीन सागर में बल द्वारा यथास्थिति को एकतरफा बदलने के किसी भी प्रयास को बर्दाश्त नहीं करते हैं।
दोनों नेताओं ने उत्तर कोरिया की स्थिति पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया और पुष्टि की कि वे अपहरण के मुद्दे सहित उत्तर कोरिया से निपटने के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे। निक्केई एशिया ने बताया कि उन्होंने श्रीलंका पर विचारों का आदान-प्रदान किया और साथ मिलकर काम करने पर सहमति जताई, जिसमें देश के कर्ज का मुद्दा भी शामिल है। किशिदा ने सोमवार को अपनी भारत यात्रा के दौरान इंडो-पैसिफिक के लिए 75 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक के बुनियादी ढांचे और सुरक्षा सहायता की घोषणा की ।