दिल्ली दंगे में कड़कड़डूमा कोर्ट ने मंगलवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए 9 आरोपियों को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने कहा कि हिंदू समुदाय की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य के साथ बवाल काटा गया था। कोर्ट ने इस बात पर भी जोर दिया है कि पुलिस द्वारा आरोपियों पर जो आरोप लगाए हैं, वो पूरी तरह साबित होते हैं। इस मामले में 29 मार्च को सजा का ऐलान किया जाएगा। अपने फैसले में कोर्ट ने कहा कि आरोपी एक झुंड का हिस्सा बने थे। उस झुंड का जो पहले से सांप्रदायिक भावनाओं से भरा बैठा था, उसका सिर्फ उद्देश्य था, हिंदू समुदाय की संपत्ति को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाया जाए। पुलिस द्वारा लगातार पीछे हटने की अपील की गई थी, लेकिन झुंड ने अपने बवाल को जारी रखा। बता दें कोर्ट ने यह टिप्पणी एक याचिकाकर्ता की शिकायत पर की है।
दिल्ली दंगे के किस मामले में आरोपी दोषी?
रेखा शर्मा नाम की एक महिला ने आरोप लगाया था कि तीन साल पहले 24-25 फरवरी को भीड़ ने उनके घर पर हल्ला बोल दिया था। सामान लूटा गया था और ऊपर वाली मंजिल पर जो रूम थे, उनमें आग लगा दी थी। उस वजह से घर को भारी नुकसान हुआ था। अब कोर्ट ने याचिकाकर्ता के दावों को सही माना है और नौ आरोपियों को दोषी पाया है। आरोपियों के नाम मोहम्मद शहनवाज, मोहम्मद शोएब, शाहरुख, राशिद, आजाद, अशरफ अली, परवेज, फैजल और रशीद हैं।
बता दें कि 23 फरवरी 2020 को नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में दंगों की शुरुआत हुई थी, जो 53 लोगों की मौत के बाद 25 फरवरी को जाकर थमे थे। इन दंगों में पब्लिक और प्राइवेट प्रॉपर्टी का काफी नुकसान हुआ था। नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली जिले के जाफराबाद, सीलमपुर, भजनपुरा, ज्योति नगर, करावल नगर, खजूरी खास, गोकुलपुरी, दयालपुर और न्यू उस्मानपुर समेत 11 पुलिस स्टेशन के इलाकों में 23 फरवरी के बाद दंगाइयों ने जमकर उत्पात मचाया था। दिल्ली पुलिस के मुताबिक दंगों के पीछे बड़ी साजिश थी। दंगों के मास्टरमाइंड जानते थे कि अमेरिकी राष्ट्रपति के भारत दौरे के दौरान दंगों पर इंटरनेशनल मीडिया का ध्यान जाएगा और इससे दुनियाभर में भारत की बदनामी होगी। अमेरिकी राष्ट्रपति की भारत विजिट के दौरान चक्का जाम का प्लान बनाया गया था। वो भी ऐसे इलाकों में जो कम्यूनल तौर पर बेहद संवेदनशील इलाके थे।