उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के बयान को लेकर सपा ने योगी सरकार पर पलटवार किया है। समाजवादी पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर से ट्वीट कर जमकर निशाना साधा है। पार्टी ने ट्वीट कर कहा कि यूपी सरकार में भ्रष्ट और घूसखोर मंत्री समाजवादी पार्टी पर झूठे आरोप लगाया रहे हैं। जबकि इस निकम्मे के स्वास्थ्य मंत्रित्वकाल में अस्पतालों में दवाएं ,स्ट्रेचर ,व्हील चेयर ,बेड तक नहीं मिलते ,अस्पतालों में डॉक्टर्स नहीं है। ये वसूली के लिए दौरे करते है। दरअसल, उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश ने आज प्रेस वार्ता कर समाजवादी पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत नौ प्रमुख विपक्षी नेताओं पर भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि अगर भ्रष्टाचार के लिए कोई पुरस्कार हो तो उसे अखिलेश को दिया जाना चाहिये।
विपक्ष के नेताओं को झूठे मामलों में फंसा रही सरकार
पाठक ने बृहस्पतिवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “नौ प्रमुख विपक्षी नेताओं ने पांच मार्च को प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा था कि जांच एजेंसियां विपक्ष के नेताओं को झूठे मामलों में फंसा रही हैं, लेकिन हमारा मानना है कि ये सभी नौ नेता भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हैं और खुद को बचाने के लिए मनगढ़ंत आरोप लगा रहे हैं।” उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री को पत्र लिखने वालों में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी शामिल हैं, जबकि यह जगजाहिर है कि सपा की सभी सरकारें भ्रष्टाचार में डूबी रही हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को दिया जाना चाहिए भ्रष्टाचार पुरस्कार
उपमुख्यमंत्री ने रिवरफ्रंट घोटाला, नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा जमीन घोटाला, राशन घोटाला और खनन घोटाला समेत विभिन्न मामलों का जिक्र करते हुए व्यंग्य किया, “भ्रष्टाचार करने के लिए अगर कोई पुरस्कार है तो यह सपा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को दिया जाना चाहिए।” इस सवाल पर कि कितने मामलों में अखिलेश यादव के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल हुए हैं, उपमुख्यमंत्री ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया, मगर उन्होंने कहा, “हमारी सरकार पूरी निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ कानून का राज स्थापित कर रही है।
इस सवाल पर कि प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपने पिछले छह साल के कार्यकाल के दौरान इन घोटालों में कोई कार्रवाई क्यों नहीं की, पाठक ने कहा, “हमें घोटालों में सजा दिलाने की जल्दी नहीं है। हम एक-एक घोटाले में कार्रवाई करेंगे।” इस बीच, सपा विधायक मनोज पांडेय ने उपमुख्यमंत्री के इस आरोप का जवाब देते हुए कहा, ”हम विपक्ष में हैं और भाजपा सत्ता में है। अगर कोई घोटाला हुआ है तो भाजपा जांच करा सकती है।” पांडेय ने कहा कि राज्य के पिछले बजट का सिर्फ 20 प्रतिशत हिस्सा ही खर्च किया गया है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) फिजूल के बयानों के जरिये लोगों का ध्यान मुख्य मुद्दों से हटाना चाहती है।
गौरतलब है कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पांच मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया था। इन नेताओं ने दिल्ली की आबकारी नीति से जुड़े एक मामले में वहां के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गत 26 फरवरी को हुई गिरफ्तारी के बाद यह पत्र लिखा है।