बिहार में सियासी गलियारों में काफी हलचल मची हुई है। पहले राबड़ी आवास पर सीबीआई की कार्रवाई फिर दिल्ली में लालू यादव से पूछताछ हुई। विपक्ष हमलावर बना हुआ है, लेकिन इस मामले में सीएम नीतीश कुमार ने चुप्पी साधा हुआ है। इतना ही नहीं राजनीति जानकारों का मानना है कि नीतीश के कई ऐसे संकेत है जो साफ कर रहे हैं कि गठबंधन की गाठ ढीली होती जा रही है।
पटना स्थित राबड़ी आवास में सोमवार की सुबह सीबीआई की टीम पहुंची। साढ़े चार घंटे तक सीबीआई की टीम ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से पूछताछ की। इसके बाद बिहार में आरोप-प्रत्यारोप के राजनीति शुरू हो गए लेकिन इस मामले को लेकर सीएम नीतीश कुमार एक शब्द तक नहीं बोले। इसके अलावा इस पर उन्होंने कोई ट्वीट भी नहीं की। इसके साथ ही दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी पर आठ विपक्षी दलों के नौ नेता ने पीएम नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखी है लेकिन इस पत्र में सीएम नीतीश कुमार का नाम नहीं है। इससे एक सवाल तो उठने लगा है कि नीतीश कुमार के मन में आखिर क्या चल रहा है
नरेंद्र मोदी ने दी थी बधाई
वहीं, एक जनवरी को सीएम नीतीश कुमार और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन का जन्मदिन था। स्टालिन के जन्मदिन के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में कई राजनीतिक दिग्गज पहुंचे हुए थे। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी पहुंचे हुए थे लेकिन सीएम नीतीश कुमार इस कार्यक्रम में दूरी बनाए हुए थे। वहीं, बिहार में जेडीयू कार्यकर्ताओं ने खूब जश्न मनाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर सीएम नीतीश कुमार को बधाई भी दी थी।