केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अमेरिकी लोगों के खिलाफ कथित साइबर वित्तीय धोखाधड़ी के एक मामले की जांच के दौरान दिल्ली/एनसीआर में चार जगहों पर छापेमारी की। यह जानकारी सीबीआई ने गुरुवार को दी।
सीबीआई ने एक बयान में कहा कि आरोपियों की पहचान हरीश कुमार, अमित कुमार, राकेश कुमार और राज कुमारी और कुछ अज्ञात लोगों के रूप में की गई है, जिनके चार परिसरों में छापेमारी की गई और वहां से विदेशी मुद्रा, 3.09 करोड़ भारतीय रुपये, 15 मोबाइल फोन, सात लैपटॉप, जिनमें रिमोट एक्सेस एप्लिकेशन, टेक्स्टनाउ ऐप, नकली अंतरराष्ट्रीय कॉलिंग नंबर, अमेरिकी नागरिकों से संबंधित दस्तावेज, क्रिप्टो निवेश, धोखाधड़ी के विवरण और अमेरिकी नागरिकों से बात करने वाले चैट बरामद किए गए।
तलाशी के दौरान एक फर्जी कॉल सेंटर भी पाया गया जहां से आरोपी कथित रूप से अमेरिकी नागरिकों के साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी करते थे। वे कथित रूप से अपने स्रोतों से सुराग प्राप्त करते थे और टेक्स्टनो एप्लिकेशन के माध्यम से अमेरिका में संभावित लक्ष्यों को फोन करते थे और उनकी समस्याओं का समाधान करने के नाम पर एनी डेस्क जैसे रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर का उपयोग करके उनके सिस्टम का नियंत्रण ले लेते थे।
सीबीआई ने कहा कि उनपर यह भी आरोप है कि वे अपने लक्ष्यों को सुरक्षा सॉफ्टवेयर इंस्टॉल/ अपग्रेड करने के लिए एक उपहार कार्ड खरीदने के लिए कहते थे, जो वास्तव में होता नहीं था और उनसे काडर् नंबर ले लेते थे। यह भी आरोप लगाया गया कि लक्ष्य से लिए गए गिफ्ट कार्ड नंबर हवाला चैनल के माध्यम से नकद में तब्दील करने के लिए एक विशेष टेलीग्राम समूह को भेजते थे।
पिछले वर्ष 10 जून को चार आरोपियों और अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था कि आरोपियों ने एक-दूसरे और अन्य अज्ञात लोगों के साथ धोखाधड़ी करते हुए अमेरिकी पीड़ितों के डिजिटल संसाधनों तक रिमोट एक्सेस प्राप्त किया और पीड़ितों के वॉलेट/खातों से डिजिटल संपत्ति/क्रिप्टो मुद्राओं को अपने पास स्थानांतरित कर लिया।