उत्तर प्रदेश में कानपुर देहात के रूरा क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के दौरान अग्निकांड का शिकार हुयी मां-बेटी का अंतिम संस्कार बुधवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच गंगा तट पर बिठूर घाट पर कर दिया गया। पुलिस अधीक्षक बीबीजीटीए मूर्ति ने शव को कंधा देते हुए दोनों के शव को एंबुलेंस में रखवाया और कानपुर नगर के बिठूर घाट के लिए रवाना हो गए। बिठूर घाट पहुंचने के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच मां-बेटी का अंतिम संस्कार किया गया है। इससे पहले प्रमिला दीक्षित व नेहा दीक्षित के शव पहुंचने मड़ौली गांव में मातम पसर गया। भाई शिवम बदहवास होकर गिर पड़ा।
ग्रामीणों ने शिवम को समझाने का प्रयास किया तो वह कहने लगा ‘सारे सपने टूट गए जहां बहन की डोली उठानी थी वहां आज उसकी अर्थी उठा रहे हैं।’ शिवम कि यह बात सुन मौके पर मौजूद सभी की आंखें नम हो गई। ग्रामीणों के काफी समझाने के बाद सारे रीति रिवाज को पूरा करते हुए परिवार मां बेटी के शव को लेकर बिठूर घाट के लिए निकल गया और मां बेटी का अंतिम संस्कार किया। गौरतलब है कि कानपुर देहात मैथा तहसील के मड़ौली गांव में कृष्ण गोपाल दीक्षित के खिलाफ अवैध कब्जा करने की शिकायत थी। सोमवार को एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, पुलिस व राजस्व कर्मियों के साथ गांव में अतिक्रमण हटाने पहुंचे थे। इस दौरान जेसीबी से नल और मंदिर तोड़ने के साथ ही छप्पर गिरा दिया। इससे छप्पर में आग लग गई और वहां मौजूद प्रमिला (44) व उनकी बेटी नेहा (18)की आग की चपेट में आने से जलकर मौके पर ही मौत हो गई जबकि कृष्ण गोपाल गंभीर रूप से झुलस गए थे।
पुलिस ने परिवार की तहरीर के आधार पर एसडीएम,लेखपाल व थाना प्रभारी समेत 39 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 समेत अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया। मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस जेसीबी चालक दीपक व लेखपाल अशोक सिंह को गिरफ्तार कर लिया है और तत्कालीन मैथा एसडीएम को निलंबित कर दिया गया है। उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने दोषियों को कड़ी सजा दिलाने का भरोसा पीड़ति परिवार को दिया है।