जदयू के शीर्ष नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सहयोगी पार्टी राजद के साथ गुपचुप ‘डील’ करने का आरोप लगाने वाले पार्टी के असंतुष्ट नेता उपेंद्र कुशवाहा मंगलवार को भी अपनी बात पर कायम रहे।
कुशवाहा ने जदयू अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह की इस बात पर विश्वास करने से इनकार कर दिया कि उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव को नेतृत्व ‘‘सौंपने” और पार्टी का राजद में विलय करने की ‘डील’ की अटकलें निराधार थीं। उन्होंने कहा, ‘‘कोई स्पष्टता नहीं है और भ्रम किसी और से नहीं बल्कि मुख्यमंत्री द्वारा किसी अन्य पार्टी के सदस्य (तेजस्वी यादव) जो राजद से हैं, को भविष्य के नेता के रूप में पेश करने से उत्पन्न हुआ है।”
कुशवाहा, रविवार को नीतीश कुमार के खिलाफ खुले विद्रोह पर उतर आए और उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को एक खुला पत्र जारी कर राजद के साथ ‘‘एक खास डील” पर विमर्श के लिए अगले सप्ताह अपनी निजी हैसियत से आयोजित किए जाने वाले एक दो दिवसीय सम्मेलन में भाग लेने का आग्रह किया। खुद को बिहार में कोइरी (राज्य में दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला ओबीसी समूह) समाज का नेता मानने वाले कुशवाहा, नीतीश द्वारा उन्हें तेजस्वी के साथ उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की अटकलों को खारिज किए जाने और राजद नेता को महागठबंधन के भावी नेता के रूप में पेश करने से नाराज हैं।